RBI repo rate : कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किए जाने के बाद दावा किया कि यह इस बात का परिचायक है कि करोड़ों परिवार कमरतोड़ महंगाई के चलते बहुत मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल नेटवर्किंग साइट 'एक्स' पर अपनी पोस्ट में कहा कि आरबीआई ने रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी है। इसका सीधा मतलब यह है कि मुद्रास्फीति पर चिंताएं गंभीर बनी हुई हैं। 47 महीनों से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आरबीआई के 4 प्रतिशत के मध्यम अवधि के लक्ष्य से काफी ऊपर बना हुआ है। अगस्त 2023 में सीपीआई 6.83 प्रतिशत थी।
उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बेरोकटोक वृद्धि के कारण करोड़ों परिवारों को होने वाली वास्तविक कठिनाइयों से पर्दा उठाता है।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को लगातार चौथी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इससे पहले, मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारा मुद्रास्फीति का लक्ष्य 2 से 6 प्रतिशत नहीं, 4 प्रतिशत है। हम मुद्रास्फीति लक्ष्य को लेकर सजग हैं।
शीर्ष बैंक को उम्मीद है कि 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहेगी। सब्जियों की कीमत कम होने और रसोई गैस सिलेंडर के दाम में घटने से निकट भविष्य में मुद्रास्फीति में नरमी आएगी।
Edited by : Nrapendra Gutpa