मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिए बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया। चालू वित्त वर्ष के लिए 7.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कायम रखा गया है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने आम सहमति से नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली 3 तिमाहियों में 6 प्रतिशत से ऊपर बने रहने की आशंका है।
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि शहरी मांग में सुधार देखने को मिला है, जबकि ग्रामीण मांग की स्थिति भी धीरे-धीरे बेहतर हो रही है, जिसके मद्देनजर उसने वृद्धि दर के अनुमान में बदलाव नहीं किया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और केंद्रीय बैंक वृद्धि को समर्थन देता रहेगा। रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 16.2 प्रतिशत रहेगी। यह चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में घटकर चार प्रतिशत पर आ जाएगी। हालांकि, गवर्नर ने आगाह किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वृद्धि के मोर्चे पर जोखिम है।
इससे पहले रिजर्व बैंक ने अप्रैल में चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया था। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 2022-23 में वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
विश्वबैंक ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। बढ़ती मुद्रास्फीति, आपूर्ति श्रृंखला की दिक्कतों और भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाया गया है।