नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को रिवर्स रेपो रेट में 0.25 पॉइंट की बढ़ोतरी करते हुए उसे 5.75 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया है। वहीं रेपो रेट को 6.25 पर यथावत रखा गया है। इससे ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं होगा।
नई क्रेडिट पॉलिसी में सीआरआर भी बिना किसी बदलाव के 4 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। रिजर्व बैंक ने 2017-18 के दौरान विकास दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। 2016-17 का अनुमान 6.7 फीसदी था।
क्या होती है रेपो रेट : रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। मसलन, गृह ऋण, वाहन ऋण आदि। रेपो दर कम नहीं होने ब्याज दर में राहत नहीं मिलेगी।
क्या है रिवर्स रेपो रेट : यह वह दर होती है जिसपर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।
नकद आरक्षित अनुपात (CRR): देश में लागू बैंकिंग नियमों के तहत प्रत्येक बैंक को अपनी कुल नकदी का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना ही होता है। इसे ही कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) या नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) कहा जाता है।