नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से ही बैंकिंग सेक्टर की परेशानियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। मार्च 2018 को खत्म हुए वित्त वर्ष में बैंक में लोगों ने 6.7 फीसदी की दर से पैसे जमा किए। यह 1963 के बाद सबसे कम है।
भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक का ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी रहा।
पिछले कुछ समय से लोग बैंक की बजाय म्युचुअल फंड और अन्य निवेश के विकल्पों में ज्यादा निवेश कर रहे हैं। इस वजह से भी लोगों का रुझान एफडी में कम हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद जो पैसा बैंकिंग सिस्टम में आया था, वह अब निकल चुका है।