मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जामनगर परिसर में दुनिया का सबसे बड़ा ‘रिफाइनरी ऑफ गैस क्रैकर’ (आरओजीसी) परिसर शुरु किया है। यह पेट्रोरसायन बनाने के लिए ईंधन उत्पादन को लेकर रिफाइनरी प्रक्रिया से प्राप्त अवशेष का उपयोग करेगा। आरओजीसी 11 अरब डॉलर के पूंजी व्यय का हिस्सा है। कंपनी ने वैश्विक स्तर पर ऊर्जा तथा पेट्रोरसायन परियोजनाओं के विस्तार के तहत इस पूंजी व्यय की घोषणा की थी।
इसके साथ कंपनी ने अरबों डॉलर की विस्तार योजना लगभग पूरी कर ली है। इससे कंपनी की एथेलीन क्षमता दोगुनी हो जाएगी। इसके साथ कंपनी दुनिया के शीर्ष पांच पेट्रोरसायन उत्पादकों में शामिल हो गई है। क्रैकर संयंत्र के चालू होने से रिलायंस इंडस्ट्रीज की पांच विनिर्माण इकाइयों की एथेलीन उत्पादन क्षमता लगभग 40 लाख टन सालाना हो गई है। दुनियाभर में 270 एथेलीन संयंत्र हैं, जिसकी संयुक्त क्षमता 17 करोड़ टन सालाना से अधिक है।
आरओजीसी से प्राप्त एथेलीन का उपयोग प्रसंस्करण इकाइयों में मोनो एथोलीन ग्लाइको (एमईजी) तथा पॉलीथिलिन के उत्पादन में किया जाता है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक बयान में कहा कि इसके साथ गुजरात में जामनगर परिचालन वाली दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी ऑफ गैस क्रैकर इकाई बन गई है। कंपनी जामनगर में सबसे बड़ी पेट्रोलियम रिफाइनरी का परिचालन कर रही है जिसकी क्षमता 6 करोड़ टन सालाना है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बयान में कहा कि उसने रिफाइनरी एवं अन्य संबद्ध संयंत्रों के साथ सफलतापूर्वक 15 लाख टन सालाना क्षमता का आरओजीसी परिसर चालू किया है। (भाषा)