नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल से एक जवान के इस दावे से जुड़े मामले में बुधवार तक रिपोर्ट मांगी है कि नियंत्रण रेखा पर सैनिकों को घटिया खाना खिलाया जाता है। सोशल मीडिया पर इस जवान के पोस्ट करने के बाद प्रशासन ने आरोपों की जांच का निर्देश दिया है। माना जा रहा है कि आज इस मामले का पटाक्षेप हो जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ मुख्यालय इस मामले में गृह मंत्रालय को पहले ही प्राथमिक रिपोर्ट दे चुका है और पूर्ण रिपोर्ट जम्मू कश्मीर में तैनात उपमहानिरीक्षक स्तर का अधिकारी द्वारा तैयार की जा रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को इस वीडियो का संज्ञान लिया था और इस घटना के सिलसिले में उपयुक्त कार्रवाई करने का आदेश दिया था। सिंह ने ट्वीट किया था, 'मैंने बीएसएफ जवान की दयनीय स्थिति का वीडियो देखा है। मैंने गृह सचिव से बीएसएफ से तत्काल रिपोर्ट मांगने एवं उपयुक्त कार्रवाई करने को कहा है।'
दिन में पहले बीएसएफ ने कहा था कि इन वीडियो को पोस्ट करने वाले कांस्टेबल तेज बहादुर यादव का वर्ष 2010 में अनुशासनहीनता एवं अपने वरिष्ठ अधिकारी पर बंदूक तान देने को लेकर कोर्ट मार्शल हुआ। हालांकि उसने (बल ने) साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि उसके आरोपों की सघन जांच होगी।
बीएसएफ महानिरीक्षक (जम्मू) डीके उपाध्याय ने कहा, 'उच्च स्तरीय जांच चल रही है क्योंकि बीएसएफ ने कांस्टेबल के आरोपों को गंभीरता से लिया है।'
उन्होंने कहा, 'हालांकि प्रथम दृष्टया यह पाया है कि उसी स्थान पर तैनात किसी भी अन्य जवान को उन्हें खिलाये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता से कोई दिक्कत नहीं है।'
सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो में वर्दी में और राइफल लिए इस जवान ने दावा किया है कि सरकार उनके लिए आवश्यक चीजें खरीदती हैं लेकिन उच्च अधिकारी उसे अवैध तरीके से बाजार में बेच देते हैं। उसने यह भी आरोप लगाया कि जवानों को क्रूरता का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें घटिया खाना खिलाया जाता है और कई बार तो उन्हें खाली पेट रह जाना पड़ता है।
यह जवान हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाला है और वह 1996 में बीएसएफ में शामिल हुआ था । यादव फिलहाल जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर तैनात हैं। उन्हें लंबित कोर्ट आफ इन्क्वायरी के लिए समीप की बटालियन में स्थानांतरित किया गया है।