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भारी उत्साह और कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुई गणतंत्र दिवस परेड

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, मंगलवार, 26 जनवरी 2016 (12:19 IST)
नई दिल्ली। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और आम जनता के भारी उत्साह के बीच मंगलवार को राजपथ से ऐतिहासिक लालकिले तक पारंपरिक गणतंत्र दिवस परेड हुई जिसमें न सिर्फ फ्रांस के राष्ट्रपति विशिष्ट मेहमान रहे बल्कि उनके देश के सैनिकों ने भी इसमें हिस्सा लिया। यह पहला अवसर था जब गणतंत्र दिवस परेड में किसी विदेशी सैन्य दस्ते ने हिस्सा लिया हो। लाइव अपडेट्स के लिए साइड में दी गई लिंक पर क्लिक करें।
परेड में जहां सारी दुनिया में सबसे अधिक विभिन्नता वाले देश भारत को एक सिरे में पिरोने वाली उसकी हर कोने की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाया, वहीं अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, विमानों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने देश के किसी भी चुनौती से निपट सकने की ताकत का एहसास कराया।
 
सुरक्षा कारणों से इस बार गणतंत्र दिवस परेड में 25 मिनट की कटौती की गई। इसे 115 मिनट की बजाय 90 मिनट का कर दिया गया। परेड शुरू होने से पहले परंपरा के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया गेट जाकर अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले जियाले सैनिकों को सलाम किया।
 
इसके बाद राष्ट्रपति और भारतीय सेना के सर्वोच्च कमांडर प्रणब मुखर्जी इस बार की परेड के मेहमान-ए-खुसूसी फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ सलामी मंच पर आए और फिर शुरू हुआ सैन्य टुकडियों, सांस्कृतिक एव विकास झांकियों, बच्चों के कार्यक्रमों, टैंकों, आधुनिक हथियारों, मिसाइलों आदि के प्रदर्शन का सिलसिला।
 
परेड के शुभारंभ के रूप में सेना के चार हेलिकॉप्टरों ने राजपथ के उपर से उड़ान भरते हुए गुलाब के फूलों की पंखुडियां बिखेरीं। इन हेलिकॉप्टरों पर देश के तिरंगे के अलावा तीनों सेनाओं के ध्वज लहरा रहे थे।
 
सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले वायुसेना के अत्याधुनिक विमानों को राजपथ के ऊपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देखकर उन विमानों की ताकत के साथ ही वायुसेना के पायलटों का हुनर और जांबाज़ी का एहसास हुआ।
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इस 67वीं गणतंत्र दिवस परेड को देखने के लिए राजपथ से लालकिले तक भारी संख्या में उत्साही जनता एकत्र थी। इनमें महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे सभी शामिल थे। परेड के अंत में इंडिया गेट को जैसे चूमते हुए गुजर जाने का एहसास देने वाले भारतीय वायु सेना के 27 विमानों ने इस बार फ्लाईपास्ट में हिस्सा लिया।
 
फ्लाई पास्ट की अगुवाई एमआई.17 वी5 हेलिकॉप्टरों ने अंग्रेजी वाई की शक्ल में उड़ान भरी। इसके दूसरे चरण के रूप में एमआई 35 के तीन हेलिकॉप्टरों ने चक्र शक्ल में और उसके बाद तीन सी.130 सुपर हर्कुलिस विशाल विमानों ने उड़ान भरी।
 
इसके बाद एक सी-17 और दो सुखोई-30 एमकेआई विमानों ने ग्लोब फार्मेशन में उड़ान भरी। लड़ाकू विमानों की बारी आने पर पांच जगुआर विमानों ने तीर की शक्ल में राजपथ के ऊपर से उड़ान भरी और उसके बाद पांच मिग-29 विमानों ने उसी रूप में परवाज की।
 
इस बार देश की सांस्कृतिक विविधताएं और विकास को दर्शाने वाली कुल 23 झांकियां निकलीं। संविधान निर्माता और दलितों के मसीहा बाबा भीवराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर उनकी विशालकाय मूर्ति वाली एक झांकी विशेष आकषर्ण का केन्द्र रही।
 
स्कूली बच्चों ने सलामी मंच के समीप अनूठे नृत्य कर सबका मन मोह लिया। परेड में पहली बार 36 खोजी कुत्तों का दस्ता भी निकला। हर बार की तरह इस बार भी मोटरसाइकलों पर कौशल और जाबांजी दिखाने वाले डेयरडेविल स्टंट को लोगों ने खूब सराहा।
 
राष्ट्रगान के साथ परेड का समापन हुआ। समापन पर राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों वाले गुब्बारों ने पूरे आसमान को ढक लिया।
 
गणतंत्र दिवस के अवसर पर आतंकी हमले की आशंका की खुफिया सूचना के चलते राष्ट्रीय राजधानी में आज जमीन से हवा तक सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध किए गए और हजारों जवान चप्पे-चप्पे पर कड़ी नजर बनाए हुए थे। राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा का यह आलम था कि इसकी एक तरह से किलेबंदी कर दी गई थी। हल्की मशीनगनों से लैस कमांडो को सामरिक महत्व के स्थानों पर तैनात किया गया था और राजधानी में दो महत्वपूर्ण स्थानों पर विमान रोधक तोपें लगाई गई थीं।
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मध्य और नई दिल्ली इलाकों में दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के करीब 50 हजार जवान तैनात किए गए थे। राजपथ पर सुरक्षा के विशेष प्रबंध के रूप में समारोह स्थल पर वीवीआईपी गलियारे में सुरक्षा के बहुस्तरीय प्रबंध किए गए थे, जिसमें एक घेरा राष्ट्रपति सुरक्षा गार्डों का था, एक-एक घेरा एसपीजी अधिकारियों, एनएसजी कमांडो का था और दिल्ली पुलिस सबसे बाहरी सुरक्षा घेरे के तौर पर चौकसी कर रही थी।
 
इंडिया गेट के दो किलोमीटर के दायरे में विशेष गश्ती दल तैनात किए गए थे। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राजपथ के इर्द-गिर्द 45 इमारतों पर सुरक्षा बलों के सटीक निशानेबाजों को तैनात किया गया है।
 
विमान भेदी तोपधारियों को स्पष्ट निर्देश थे कि बिना अनुमति के हवा में उड़ान भरने वाली किसी भी वस्तु को तत्काल गिरा दें। इस दौरान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे से विमानों की आवाजाही पर रोक थी।
 
एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा इंतजाम के तहत मध्य और नई दिल्ली क्षेत्र में 15 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाये गए। करीब एक हजार यातायात अधिकारियों को रिवाल्वर जारी किए गए ताकि किसी भी खतरे से तत्काल निपटा जा सके।
 
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस प्रमुख बीएस बस्सी ने अपने बलों और पड़ोसी राज्यों के पुलिस विभागों से ड्रोनों पर सतर्क नजर रखने को कहा। इन्हें सुरक्षा के लिए बड़े खतरे के तौर पर देखा जा रहा है। (भाषा)

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