Kedarnath rescue : क्षतिग्रस्त केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान रविवार को लगातार चौथे दिन भी जारी रहा। इस दौरान, 373 लोगों को केदारनाथ धाम से लिंचोली के लिए रवाना किया गया, जहां से उन्हें हवाई मार्ग से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। इधर केदारनाथ हैलीपैड पर भी 570 यात्री हेलीकॉप्टर का इंतजार कर रहे हैं।
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श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ से राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य बचाव दलों के साथ रवाना हुए इन 373 लोगों में श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोग एवं मजदूर भी शामिल हैं। लिंचोली से हेलीकॉप्टर के जरिये इन सभी को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाएगा।
सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन, मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहित समाज केदारनाथ में फंसे सभी लोगों के लिए खाने के पैकेट, पानी की बोतलें और फल उपलब्ध करा रहा है।
इस बीच, रामबाड़ा चौमासी पैदल रास्ते पर फंसे 110 यात्रियों को भी निकालकर चौमासी पहुंचा दिया गया है। इस मार्ग से अब तक 534 से अधिक यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को निकाला जा चुका है।
बुधवार रात अतिवृष्टि और बादल फटने के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिंचोली, भीमबली, घोड़ापड़ाव और रामबाड़ा सहित कई स्थानों पर मार्ग बह गया था और अन्य जगहों पर पहाड़ी से भूस्खलन और बड़े-बड़े पत्थर आने से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे जगह-जगह पर श्रद्धालु फंस गए थे।
फंसे श्रद्धालुओं को बाहर निकालने के लिए गुरुवार सुबह से जमीनी और हवाई मार्ग से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में शुक्रवार से भारतीय वायु सेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी जुड़ हए। अभी तक करीब 10 हजार लोगों को बाहर निकाला जा चुका है।
इस बीच, केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच बह गए मार्ग पर सेना की ओर से पैदल पुल का निर्माण शुरू कर दिया गया है।
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि केदारनाथ मार्ग पर जारी बचाव अभियान में अब दो खोजी कुत्तों की मदद भी ली जाएगी। उन्होंने बताया कि सेना की मदद से यह अभियान चलाया जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक, खोजी कुत्ता दस्ते को हेलीकॉप्टर से लिंचोली में उतारा जा चुका है, जहां से यह पूरे क्षेत्र में खोजबीन शुरू करेगा। अधिकारियों का मानना है कि कई लोग बारिश के डर से अपनी जान बचाने के लिए जंगलों की तरफ बढ़े होंगे और इस दौरान उनके रास्ता भटकने की आशंका के मद्देनजर खोजबीन की जाएगी।
Edited by : Nrapendra Gupta