Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

वैष्णोदेवी में अब RFID कार्ड से होंगे दर्शन, 60 साल पुराना यात्रा पर्ची सिस्टम होगा बंद

हमें फॉलो करें Mata Vaishnodevi

सुरेश एस डुग्गर

, सोमवार, 25 जुलाई 2022 (10:29 IST)
जम्मू। वैष्णोदेवी में 60 साल से चला आ रहा यात्रा पर्ची सिस्टम अब पूरी तरह से बंद हो जाएगा। नया सिस्टम शुरू होने के बाद आपको यात्रा पर्ची की बजाय आरएफआईडी कार्ड लेना होगा। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर श्राइन बोर्ड की तरफ से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। आरएफआईडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है, जिसे सर्वर के साथ कनेक्ट किया जाएगा।

अगर आप माता वैष्णोदेवी के दर्शन कर चुके हैं तो आपको पता होगा कि यात्रा पर्ची के बिना श्रद्धालुओं को बाणगंगा पर प्रवेश नहीं दिया जाता है यानी आपकी यात्रा का पहला पड़ाव यात्रा पर्ची लेकर बाणगंगा से प्रवेश करना है। लेकिन आने वाले समय में आपको दर्शन करने के लिए यात्रा पर्ची नहीं मिलेगी। जी हां, श्राइन बोर्ड यात्रा पर्ची की जगह नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। नई तकनीक लागू होने के बाद 60 साल से चली आ रही यात्रा पर्ची की परंपरा खत्म हो जाएगी।

दरअसल, 1 जनवरी 2022 को भवन पर हुए हादसे के बाद श्राइन बोर्ड की तरफ से यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। उसमें से यात्री पर्ची की बजाय नई तकनीकयुक्त रेडियो फ्रिक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) सर्विस भी एक है। नई आरएफआईडी सर्विस को अगस्त महीने से जरूरी कर दिया गया है यानी अगले महीने से यदि आप दर्शन के लिए जाते हैं तो आपको यात्री पर्ची लेने की जरूरत नहीं होगी।

आरएफआईडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है, जिसे सर्वर के साथ कनेक्ट किया जाएगा। इसके लिए बाकायदा कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। कार्ड में श्रद्धालु की फोटो के साथ पूरी तरह की जानकारी दी गई होगी। यात्रा शुरू करने से पहले श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण काउंटर से आरएफआईडी कार्ड मिलेगा।

यात्रा पूरी होने के बाद इस कार्ड को श्रद्धालु को वापस करना होगा। इस कार्ड को मेट्रो टोकन की तरह कई बार यूज किया जा सकता है। एक आरएफआईडी की कीमत 10 रुपए है, लेकिन श्राइन बोर्ड की तरफ से श्रद्धालुओं को यह नि:शुल्क दिया जाएगा। श्राइन बोर्ड ही इसका खर्चा उठाएगा।

आरएफआईडी कार्ड का टेंडर श्राइन बोर्ड ने पुणे की एक कंपनी को दिया है। यदि आप ऑनलाइन पंजीकरण करते हैं तो कटड़ा पहुंचने पर आपके फोन पर मैसेज आएगा कि आपको कितने बजे, किस काउंटर पर जाकर आरएफआईडी कार्ड लेना है। इसके लिए वायरलैस फिडेलिटी फैसेलिटी विकसित की जा रही है।

जानकारी के लिए सबसे पहले वर्ष 1962 में सूचना विभाग ने श्रद्धालुओं के लिए यात्रा पर्ची का सिस्‍टम शुरू किया था। फिर वर्ष 1970 में पर्यटन विभाग ने यात्रा पर्ची की जिम्मेदारी संभाली। 1986 में श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के गठन के बाद यात्रा पर्ची की जिम्मेदारी श्राइन बोर्ड ने अपने हाथों में ले ली। अब इस सुविधा को बंद करके आरएफआईडी कार्ड सिस्टम लागू किया जा रहा है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Draupadi Murmu Swearing-In LIVE : द्रौपदी मुर्मू ने ली भारत के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ