Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ठंडा पड़ा आरटीआई का प्रचार-प्रसार

हमें फॉलो करें ठंडा पड़ा आरटीआई का प्रचार-प्रसार
नई दिल्ली , रविवार, 3 जनवरी 2016 (10:59 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सूचना का अधिकार कानून के प्रचार-प्रसार और उसे प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 1.67 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह पिछले वर्ष की तुलना में 80 प्रतिशत कम है और वित्त वर्ष 2008-09 के बाद से सबसे कम राशि है।
 
इस पहल के लिए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार और राजग के कार्यकाल में पिछले वित्त वर्ष के दौरान उदारतापूर्वक धन आवंटित किया गया था। इस कानून के तहत सूचना प्राप्त करने के लिए आम नागरिकों को 10 रुपए के शुल्क का भुगतान करना होता है।
 
पुणे स्थित आरटीआई कार्यकर्ता विहार धुर्वे के आवेदन के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया कि 2008-09 में इस पारदर्शिता कानून को प्रोत्साहित करने के अभियान में विज्ञापन एवं प्रचार मद में 7.30 करोड़ रुपया खर्च किया गया था। 2009-10 में इस उद्देश्य के लिए 10.31 करोड़ रुपए और 2010-11 में 6.66 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
 
2011-12 में आरटीआई के प्रचार-प्रचार के लिए 16.72 करोड़ रुपए, 2012-13 में 11.64 करोड़ रुपए और 2013-14 में 12.99 करोड़ रुपए खर्च हुए।
 
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा नीत राजग के शासनकाल के दौरान 2014-15 में इस मद में 8.75 करोड़ रुपए खर्च किए गए जबकि चालू वित्त वर्ष में 1.67 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। (भाषा)
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi