नई दिल्ली। राजद सांसद मनोज कुमार झा ने राज्यसभा में मंगलवार को महंगाई पर चर्चा के दौरान एक आम आदमी नैनसुख की कहानी सुनाई जो लुटियन दिल्ली में गार्ड का काम करता है। उसकी वेतन महज 12000 रुपए है। दो बच्चे तथा पत्नी उसके परिवार में हैं।
उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति किराए पर रहता है और दोनों बच्चों को पढ़ाता भी है। उन्होंने कहा कि इस महंगाई में उसका घर नहीं चल रहा है। सरकार को ऐसे ही आम आदमियों के बारे में सोचना चाहिए।
झा ने अग्निवीर स्कीम पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार को फुटबॉल बना दिया गया है। बिहार को श्रमिक केंद्रित राज्य बना दिया है, हम आपको श्रम देते रहें और आप हमें जनसाधारण ट्रेन।
पीठासीन उप सभापति भुवनेश्वर कालिता ने महंगाई पर चर्चा के दौरान झा को बोलने के लिए पुकारा तो विपक्ष के ही कई सदस्य आपस में जोर-जोर से बात करने लगे। झा ने पीठासीन अधिकारी से सदस्यों को शांत कराने का अनुरोध किया और कहा कि उनका समय अभी शुरू नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने विपक्षी सांसदों को भी फटकार लगाई।