केंद्र ने गुरुवार को सहारनपुर में जारी हिंसा पर उत्तरप्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी। इस हिंसा में 2 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पिछले महीने शुरू हुई इन घटनाओं और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के इस जिले में शांति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारियां उपलब्ध कराने को कहा है।
गौरतलब है कि 5 मई को 2 जाति समूहों के सदस्यों के बीच एक जुलूस के दौरान तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर झड़पें हुई थीं जिसमें 1 व्यक्ति की मौत हो गई थी और 1 पुलिस अधिकारी सहित कम से कम 15 लोग घायल हो गए थे।
इसके बाद 23 मई को फिर से झड़पें हुई थीं जिसमें 1 व्यक्ति की मौत हुई थी और 4 घायल हुए थे। जिले में बुधवार (24 मई) हुई ताजा हिंसा में 3 लोग घायल हुए। हिंसा को देखते हुए राज्य सरकार ने बुधवार (24 मई) को जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निलंबित कर दिया था। संभागीय आयुक्त एवं उपमहानिरीक्षक का तबादला किया गया था।
केंद्र ने सहारनपुर में शांति बहाल करने में उत्तरप्रदेश सरकार की मदद करने के लिए 400 दंगारोधी पुलिसकर्मी सहारनपुर भेजे हैं। इस क्षेत्र में जाति समूहों के बीच झड़पों में 2 जानें जा चुकी हैं। उत्तरप्रदेश सरकार के अनुरोध के बाद इन पुलिसकर्मियों को भेजा गया। राज्य सरकार ने हिंसा की घटनाओं की जानकारियों वाली प्राथमिक रिपोर्ट भी गृह मंत्रालय को भेजी है। इसमें कहा गया कि 2 मौतों के अलावा 40 लोग घायल भी हुए हैं।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अशोक प्रसाद ने यहां कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार के आग्रह के बाद कानून व्यवस्था कायम करने में राज्य सरकार की मदद के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की 4 कंपनियां (करीब 400 जवान) सहारनपुर भेजी गई हैं।
विशेषज्ञ दंगारोधी आरएएफ का आग्रह और प्राथमिक तथ्यात्मक रिपोर्ट ऐसे समय आई जब गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पश्चिमी उत्तरप्रदेश के जिले में हो रही घटनाओं की जानकारियां भेजने को कहा।
प्रसाद ने कहा कि 23 मई को 2 समुदायों के बीच झड़पों में 1 व्यक्ति की मौत हो गई और 2 लोग घायल हो गए जिसके बाद 3 प्राथमिकी दर्ज की गईं और 24 लोग गिरफ्तार किए गए। 5 मई को ताजा हिंसा में 1 अन्य व्यक्ति की मौत हो गई थी और 15 लोग घायल हो गए थे। उस दिन 9 प्राथमिकी दर्ज हुईं और 17 लोग गिरफ्तार किए गए थे। (एजेंसी)