नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के तिलक विहार विडो कॉलोनी के लोगों को जिस खबर का इंतजार 34 साल से था, सोमवार को उन्हें वह खबर मिल गई। भले ही यह राहत देर से आई लेकिन दंगों में अपनों को खोने वालों को इस बात का सुकून है कि कम से कम न्याय तो हुआ। दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों में भूमिका निभाने के लिए कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को ताउम्र कैद की सजा सुनाई है।
साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुई हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों के लिए बसाई गई यह कॉलोनी कुमार को दोषी ठहराए जाने के बाद फिर से खबरों में है।
पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर इलाके के पास मौजूद इस कॉलोनी को हिंसा की बरसी पर हर साल पत्रकारों को आते देखने की आदत है। इस हिंसा में तीन दिन के अंदर करीब 3 हजार लोग मारे गए थे। तिलक विहार के लोगों ने डरावनी यादें साझा कीं और न्याय के इंतजार के बारे में बताया।
आंखों में आंसू लिये पोपरी कौर ने पंजाबी में कहा, ‘मैं खुश हां इस्स फैसले तो (मैं इस फैसले से खुश हूं)।’ पोपरी ने अपने पति को भीड़ के हाथों जान गंवाते देखा। सुल्तानपुरी में हाथों में डंडे लिए भीड़ ने पोपरी के पति को घर से बाहर खींचकर उनकी हत्या कर दी थी। पोपरी ने कहा कि आखिरकार न्याय हुआ।
65 वर्षीया इस बुजुर्ग महिला ने दंगों के खूनी मंजर को याद करते हुए कहा, ‘मेरे बच्चों ने अपने पिता और मैंने अपने पति को अंतिम बार देखा था।’ उन्होंने कहा, ‘‘सुल्तानपुरी में मेरे पति को जब घर से बाहर खींचा गया तो सज्जन कुमार कार में था। मैंने उसे देखा। आज, मैं जब घर पर बैठी थी तो मेरी बेटी ने फोन करके बताया कि सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया है।’ उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पति का शव देखने की संतुष्टि भी कभी नसीब नहीं हुई।
छह बच्चों की मां पोपरी सज्जन कुमार से जुड़े मामले के तीन गवाहों में से एक हैं। उनका आरोप है कि उन्हें बयान बदलने के लिए पैसे का प्रलोभन दिया गया और जान से मारने की धमकियां भी मिलीं। उन्होंने कहा कि वह सज्जन कुमार के लिए मौत की सजा चाहती थीं।
उन्होंने कहा, ‘आजीवन कारावास के साथ, वह अपने परिवार, अपने बच्चों से मिल सकता है। मैं अपने पति से, मेरे बच्चे अपने पिता से नहीं मिल सकते क्योंकि उसने उनकी हत्या कर दी।’ इसी कॉलोनी में रहने वाले अमरजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने इस खबर का इंतजार बहूत समय से किया है। सिंह (63) ने दंगों में अपने भाई को खोया था।
इस बीच, यहीं पास ही एक जगह पर वरिष्ठ भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा कांग्रेसी नेता कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। बग्गा का आरोप है कि कमलनाथ हिंसा के दोषी हैं और उन्होंने सिखों की हत्या की और गुरद्वारा रकाबगंज जलाया था।