Ayodhya Ram temple: अयोध्या के विवादित ढांचे के विध्वंस मामले में प्रमुख आरोपी रहे संतोष दुबे ने संकल्प लिया था कि जब तक भव्य राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता, वे अपना घर भी नहीं बनाएंगे। 6 दिसंबर 1992 को कारसेवा के दौरान दुबे को 4 गोलियां लगी थीं। इसके बाद वे कोमा में भी रहे थे।
सैकड़ों कारसेवकों के जत्थे के साथ संतोष दुबे ने रामलला के दर्शन कर अपना संकल्प पूर्ण किया। दुबे ने अपने आवास जमुनिया बाग से रामलला के दर्शन करने निकलने से पहले अपने आवास पर वैदिक आचार्यों से हवन-पूजन संपन्न कराया। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में गाजे-बाजे के साथ कारसेवकों का एक जत्था रामलला के दर्शन करने के लिए रवाना हुआ।
कारसेवकों के जत्थे में एक रथ भी शामिल था, जिस पर एक कमल भी बना हुआ था। कारसेवक संतोष दुबे नंगे पांव रामलला के दर्शन करने के लिए निकले। दुबे ने प्रतिज्ञा पूर्ण होने पर रामलला का आभार जताकर आशीर्वाद लिया।
दरअसल, कारसेवक संतोष दुबे ने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक रामलला का भव्य मंदिर नहीं बन जाता, वे अपने घर का भी निर्माण नहीं कराएंगे। दुबे ने कहा कि चूंकि अब राम मंदिर का निर्माण हो चुका है, अत: वे अपने घर का निर्माण भी कराएंगे।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala