Ramcharitmanas

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

महाव्रत श्रावण माह शुरू, आज सावन का पहला सोमवार

Advertiesment
हमें फॉलो करें sawan somvar 2017
, सोमवार, 10 जुलाई 2017 (09:53 IST)
नई दिल्‍ली। व्रतों का सबसे बड़ा माह श्रावण मास आज से शुरू हो गया। सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में भक्‍तों की लंबी कतार लग रही हैं।
 
काशी के विश्वनाथ और उज्‍जैन स्थित महाकालेश्‍वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए लोगों ने आधी रात से ही लंबी लाइन लगानी शुरू कर दी थी। महाकालेश्‍वर मंदिर में पहले सोमवार पर भगवान शिव की उपासना का विशेष आयोजन किया गया। 
 
इसी तरह देशभर के शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्ति को लंबी लंबी कतारें देखने को मिली। आज जलाभिषे, रुद्राभिषेक आदि करके भक्त अपनी मनोकामना मांगेगे और उपवास रखेंगे। आज से ही देश के कई स्थानों से कावड़ यात्री कावड़ लेकर चलेंगे और शिव मंदिर पहुंचकर कावड़ का जल उन्हें अर्पित करेंगे। दूर दूर से लोग कावड़ लेकर महाकाल के मंदिर पहुंचेगे। 

वाराणसी में उमड़ा सैलाब : भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल उत्तर प्रदेश की प्राचीन धार्मिक नगरी वाराणसी में 'काशी विश्वनाथ' के जलाभिषेक एवं पूजन-दर्शन के लिए सावन के पहले सोमवार को आज देशी-विदेशी शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। पांच सोमवार वाले सावन माह के प्रथम सोमवार को यहां सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजामों के बीच भोर से कांवड़िये प्राचीन श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर एवं अन्य शिवालयों में जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। अधिकारियों का अनुमान है कि प्रचीन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पहले दिन यहां लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा का दर्जन-पूजन के लिए पहुंच सकते हैं।
 
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास कल देर रात से ही कांवड़िये अपनी बारी आने के इंतजार में कतारों में खडे हैं। शिवभक्त रिमझिम फुहारों के बीच 'हर-हर महादेव', 'बंम-बंम भोले' के जयकारे लगा रहे हैं। धर्मनगरी में चारों तरफ बाबा भोले के जयकारे की गूंज सुनाई देर रही है।
 
ऐतिहासिक दशाश्वमेध घाट एवं अन्य प्रमुख गंगा घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच हजारों देशी-विदेशी श्रद्धालु गंगा स्नान कर बाबा के दर्शन-पूजन के लिए कतारों में खड़े हो रहे हैं। मंदिर परिसर के बाहर बैरिकेडिंग की गई है। पर्याप्त संख्या में स्वंसेवकों एवं पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कांवड़िये सुचारूपूर्वक जलाभिषेक कर रहे हैं।
 
ऐतिहासिक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा मारकण्डेय देव मंदिर सहित अनेक शिवालयों में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्घालुओं की लंबी कतारें लगी हैं। श्रद्घालुओं की कतारें एक-दो किलोमीटर लंबी हैं।
 
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरके भारद्वाज ने बताया कि अभी तक कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सहित तमाम शिवालयों के आसपास तथा कावड़ियों के आवागमन के प्रमुख रास्तों पर विशेष सुरक्षा निगरानी की जा रही है। जल, थल और आकाश से सुरक्षा निगरानी की व्यवस्था की गई है। शहरी इलाके में काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के तमाम रास्तों पर आम वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध मंगलवार सुबह सात बजे तक जारी रहेगा।
 
उन्होंने बताया कि गंगा में जल पुलिस निगरानी कर रही है, जबिक प्रमुख मंदिरों के आसपास पुलिस कर्मियों के अलावा ड्रोन कैमरों की मदद ली जा रही है। मंदिरों के आसपास की ऊंची इमारतों से बड़ी संख्या में सशस्त्र पुलिस बल चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर एवं अन्य शिवालयों तथा मुख्य मार्गों की सुरक्षा निगरानी के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं। सादे पोशाक में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी जगह-जगह तैनात किये गए हैं। वाराणसी के बाहरी इलाके एवं शहरी इलाकों में कांवड़ियों की सुविधा के लिए यातायात में व्यापक बदलाव किये गए हैं।
 
उन्होंने बताया कि श्रद्घलु नगर नियंत्रण कक्ष- 9454401645, जनपद नियंत्रण कक्ष-9454417477 और यातायात नियंत्रण कक्ष के मोबाइल नंबर 7839856893 पर मदद ले सकते हैं।
 
पौराणिक मान्यता है कि वाराणसी के हर कण में शिव का वास है और इसी विश्वास के चलते प्रचीन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर सहित यहां के तमाम शिवालयों में इस खास मौके पर प्रत्येक वर्ष देशी-विदेशी लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।
 
उल्लेखनीय है कि इस बार सावन माह में पांच सोमवार एवं 21 जुलाई को सावन शिवरात्रि होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में चार-पांच लाख वृद्धि होने की संभावना है। दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा 24, चौथा 31 और पांचवा आगामी सात अगस्त को है। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सेल्फी के चक्कर में डूबे 11 लोग, 2 तैरकर बाहर