नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को उत्तरप्रदेश के विवादित मंत्री आजम खान की ओर से बिना शर्त मांगी गई माफी को स्वीकार करते हुए कहा है कि उन्होंने ईमानदारी से और गहरा खेद जताया है। आजम खान ने बुलंदशहर के सनसनीखेज सामूहिक बलात्कार मामले में अपनी कथित टिप्पणी के लिए माफी मांगी है।
आजम खान की ओर से पूर्व में मांगी गई माफी पर अटॉर्नी जनरल ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद समाजवादी पार्टी के नेता की ओर से दायर ताजा हलफनामा दायर किए जाने पर न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की पीठ ने कहा कि प्रतिवादी संख्या दो (आजम खान) ने बिना शर्त माफी मांगी है और ईमानदार एवं गहरा खेद जताया है।
खान के बिना शर्त माफी वाले नए हलफनामे को स्वीकार करने वाली पीठ ने यह बात स्पष्ट कर दी कि इस मामले में आजम की ओर से दी जाने वाली किसी भी दलील को अब स्वीकार नहीं किया जाएगा।
हालांकि पीठ ने कहा कि उसके द्वारा वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संदर्भ में तय किए गए सवालों पर और बलात्कार एवं उत्पीड़न समेत घृणित अपराधों के मामलों में उच्च पदों पर बैठे लोगों के बयानों के कारण निष्पक्ष जांच पर पड़ने वाले असर पर बहस की जरूरत है। इसके साथ ही पीठ ने मामले को अगले साल की आठ फरवरी के लिए स्थगित कर दिया। (भाषा)