Supreme Court on UGC NET exam: सुप्रीम कोर्ट ने कथित रूप से प्रश्नपत्र लीक होने के बाद यूजीसी-नेट (राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा) परीक्षा रद्द करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कुछ परीक्षार्थियों की याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि इस पर इस समय सुनवाई करने से अव्यवस्था पैदा होगी। उल्लेखनीय है कि एनटीए ने इस परीक्षा के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। परीक्षाएं 21 अगस्त से 4 सितंबर तक होंगी।
क्या कहा शीर्ष अदालत ने : प्रधान न्यायाधीश ने प्रवीण डबास और अन्य द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के इस कदम का गंभीर प्रभाव पड़ेगा और व्यापक रूप से अव्यवस्था पैदा हो जाएगी। पीठ ने जिक्र किया कि परीक्षा 18 जून को आयोजित की गई थी और इसके एक दिन बाद इसे रद्द कर दिया गया।
पहले भी खारिज हो चुकी है जनहित याचिका : इससे पहले भी, शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह एक वकील द्वारा दायर की गई थी, न कि पीड़ित परीक्षार्थियों द्वारा। प्रधान न्यायाधीश ने वकील से कहा था कि आप (वकील) क्यों आए हैं? छात्रों को खुद यहां आने दीजिए। उन्होंने साथ ही कहा था कि इस जनहित याचिका को अस्वीकार करते हुए हम इसके गुण-दोष पर कुछ नहीं कहेंगे।
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पीठ ने याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता उज्ज्वल गौड़ से कहा था कि वह कानूनी मामलों पर ध्यान केंद्रित करें और ऐसे मुद्दों को पीड़ित व्यक्तियों के लिए छोड़ दें। यह याचिका भी यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के फैसले के खिलाफ न्यायालय में दायर की गई थी। परीक्षा की शुचिता से समझौता होने की जानकारी मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया था।
मंत्रालय ने 19 जून को यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया था और मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दी थी। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edite by: Vrijendra Singh Jhala