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दीवानी विवाद के मामले में 'SC/ST एक्ट' नहीं हो सकता हथियार : सुप्रीम कोर्ट

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, सोमवार, 9 जनवरी 2023 (08:04 IST)
नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला आया है, जिसमें कहा गया है कि दीवानी विवाद यानी जमीन और संपत्ति से जुड़े मामलों में SC/ST Act लागू नहीं हो सकता। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय का कोई व्यक्ति अपने और उच्च जाति समुदाय के किसी सदस्य के बीच विशुद्ध रूप से दीवानी विवाद को एससी और एसटी को हथियार नहीं बना सकता।

बता दें कि कई मामलों में SC/ST Act का सहारा लेकर झूठा मुकदमा लगाने या परेशान करने को लेकर खबरें भी आती रही हैं। ऐसे में अब उन लोगों को राहत मिलेगी, जिन के खिलाफ इस एक्ट का सहारा लेकर जबरन फंसाने की कोशिश की जाती रही है।

दरअसल, यह फैसला एक प्रकरण के संदर्भ में आया है। पी. भक्तवतचलम, जो अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित हैं, ने एक खाली भूखंड पर एक घर का निर्माण किया था। इसके बाद, उच्च जाति समुदाय के सदस्यों द्वारा उनके भूखंड के बगल में एक मंदिर का निर्माण किया जाने लगा। इसके बाद मंदिर के संरक्षकों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि भक्तवतचलम ने भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन करते हुए, अपने घर के भूतल और पहली मंजिलों में अनधिकृत निर्माण कराया है।

इसके जवाब में, पी. भक्तवतचलम ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर का निर्माण आम रास्ते, सीवेज और पानी की पाइपलाइनों पर अतिक्रमण करके हो रहा. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि उच्च जाति समुदाय के लोग सिर्फ उन्हें परेशान करने के लिए उनके घर के बगल में ​मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं।

पी. भक्तवतचलम ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि उन्हें अपनी संपत्ति के शांतिपूर्ण आनंद से सिर्फ इसलिए वंचित किया जा रहा है, क्योंकि वह एससी समुदाय से आते हैं। एग्मोर, चेन्नई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने उन अभियुक्तों को समन भेजा, जो कथित रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के कई प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे थे। मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा समन जारी करने के खिलाफ अपील पर मद्रास हाईकोर्ट ने उच्च जाति समुदाय से आने वाले आरोपियों को राहत देने से इनकार कर दिया।

इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपील की अनुमति दी, आरोपी व्यक्तियों को जारी किए गए समन को रद्द कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि विशुद्ध रूप से दीवानी विवाद के एक मामले को एससी और एसटी अधिनियम के तहत जातिगत उत्पीड़न के मामले में बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जो कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
edited by navin rangiyal

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