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आईआईटी गुवाहाटी में हुई आपदा प्रबंधन एवं शोध केंद्र की स्थापना

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, रविवार, 25 जुलाई 2021 (14:50 IST)
नई दिल्ली, प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से पूर्वोत्तर भारत विशेष रूप से संवेदनशील माना जाता है। हर साल असम के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आते हैं तो वहीं इस क्षेत्र के कई अन्य राज्य भूकंप-संवेदनशील जोन में स्थित हैं।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गुवाहाटी में एक आपदा प्रबंधन एवं शोध केंद्र (सेंटर फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट एंड रिसर्च, सीडीएमआर) की स्थापना हुई है जिसका उद्घाटन असम के मुख्यमंत्री डा. हिमंता विस्वा सरमा ने किया। इस केंद्र से भारत के पूर्वोत्तर में अक्सर दस्तक देने वाली प्राकृतिक आपदाओं को लेकर बेहतर तैयारी और प्रबंधन में सहायता मिलेगी।

आईआईटी गुवाहाटी के वर्ष 2020 में हुए दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संस्थान से ऐसे केंद्र को स्थापित करने की दिशा में पहल करने के लिए कहा था, जो पूर्वोत्तर भारत को विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक और मानव निर्मित औद्योगिक आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन में सहायक सिद्ध हो सके।

इस नए केंद्र का उद्घाटन प्रतिष्ठित 'इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन रीसेंट एडवांसेज इन जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग एंड सॉइल डायनामिक्स (आईसीआरएजीईईई)'के दौरान हुआ। प्रति चार वर्ष में आयोजित होने वाला यह सम्मेलन गत 12 से 15 जुलाई के बीच संपन्न हुआ।

इस कॉन्फ्रेंस में भू-खतरा जोखिम और इससे जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले विश्वविद्यालयों एवं पेशेवरों के बीच सहयोग बढ़ाने एवं आपदा से निपटने के लिए कारगर अवसंरचना के निर्माण पर विशेष जोर दिया गया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा ने कहा, 'सेंटर फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट एंड रिसर्च असम और समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र को समर्पित है। इस पहल पर केंद्र के संस्थापक प्रमुख प्रो. सुदीप मित्रा और आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक टीजी सीताराम को बधाई संदेश देते हुए डॉ. सरमा ने कहा, 'आपदा से जुड़े मुद्दों पर विश्वविद्यालयों का नेटवर्क तैयार करना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आपदा जोखिम घटाने संबंधी दस-सूत्रीय एजेंडे के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक है।'

स्थापना समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता विस्वा सरमा के अलावा सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) के पूर्व निदेशक प्रो. आरके भंडारी, आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक टीजी सीताराम, आईआईटी संकाय के सदस्य, शोधार्थी और विश्व भर से जुड़े तमाम विशेषज्ञों की उपस्थिति रही। (इंडिया साइंस वायर)

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