श्रीनगर। सीमा पार से आने वाली धन के बलभूते ऐश करने और आतंकियों के साथ ही पत्थरबाजों को फंडिंग करने वाले अलगाववादी नेताओं की अब शामत आ गई है क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी अर्थात एनआईए ने उनके खिलाफ अब बकायदा एफआईआर दर्ज करते हुए जो छापामारी की उससे अलगाववादियों के साम्राज्य की नींव हिलती नजर आने लगी है। वे अपने आपको बचाने की खातिर अब जो हाथ-पांव मार रहे हैं उसमें सीमा पार से की जाने वाली गोलाबारी और तेज होते आतंकी हमलों का सहारा भी है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हवाला मामले और अलगाववादियों को होने वाले फंडिंग मामले में कश्मीर के 14 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसके अलावा दिल्ली के चांदनी चौक, बल्लीमारान सहित हरियाणा के 8 ठिकानों पर भी छापा मारा है। एनआईए ने इस मसले पर एफआईआर भी दर्ज कर ली है। अब तक छापेमारी के दौरान दिल्ली और श्रीनगर से 1.25 करोड़ की रकम बरामद की गई है। अलगाववादियों की फंडिंग के मामले में पिछले दिनों एनआईए ने देश के कई हिस्सों में छापेमारी की थी। शनिवार को एनआईए ने कई हवाला ऑपरेटर्स और अलगाववादी नेताओं के घर पर छापेमारी की। एनआईए इस मामले में तीन अलगाववादी नेताओं से दो दिनों तक पूछताछ कर चुकी है।
हुर्रियत अध्यक्ष सईद अली गिलानी और उनके साथी हुर्रियत प्रांतीय अध्यक्ष नईम खान, डार और बाबा के खिलाफ प्राथमिक जांच के मद्देनजर यह छापेमारी की गई। अलगाववादी नेता ने एक स्टिंग ऑपरेशन में यह स्वीकार किया है कि उन्होंने बल्लीमारान और चांदन चौक के बिचौलियों के जरिए पाकिस्तान से पैसा लिया है। हालांकि कई अलगाववादी नेता अब यह कहते फिर रहे हैं कि स्टिंग ऑपरेशन में सिर्फ आधी रिकार्डिंग को ही सामने लाया जा रहा है।
प्रारंभिक जांच को भी अब रेगुलर केस में बदल दिया गया है। उसके तहत ही छापा भी मारा गया। एनआईए जम्मू कश्मीर में विध्वंसक गतिविधियों में लश्कर-ए-तैयबा के अध्यक्ष हाफिज सईद और कट्टरपंथी कश्मीरी अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी की भूमिका की भी जांच कर रही है। नईम खान का नाम भी मामले में नामजद है। उन्हें टेलीविजन पर एक स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से पैसा लेने की बात कबूलते देखा गया था।
एनआईए ने आतंकी हाफिज सईद, हुर्रियत नेताओं और दुखतराने मिल्लत पर भी एफआईआर दर्ज की है। जांच एजेंसियों के मुताबिक सबसे पहले पैसा पाकिस्तान से सऊदी अरब, फिर उसके बाद बांग्लादेश, श्रीलंका के हवाला ऑपरेटर के जरिए दिल्ली के हवाला ऑपरेटर के पास पहुंचाया जा रहा है। इसके बाद दिल्ली, हरियाणा के कुछ व्यापारियों की मदद से पैसा कश्मीर में अलगाववादियों तक पहुंचाया जा रहा है। एनआईए इन व्यापारियों की पहचान कर चुकी है। जल्द पाक फंडिंग के मामले में कई गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
इससे पहले घाटी के अलगाववादी नेता फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, जावेद अहमद बाबा उर्फ गाजी और नईम खान ने एनआईए के सामने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया था। सूत्रों के मुताबिक सईद अली शाह गिलानी को नियमित रूप से पैसे मिलते थे। अलगाववादी नेता को पाकिस्तान से अलग-अलग चैनलों से पैसे मिलते थे। जिसमें हवाला और क्रॉस बॉर्डर ट्रेड से मुख्य तौर पर पैसा मिलता था।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी और अलगाववादी गुटों को पाकिस्तान से मिल रही वित्तीय मदद के पुख्ता सबूतों के हवाले से इस तंत्र के मूल में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के होने का दावा किया है। एनआईए को इस सिलसिले में कश्मीर के अलगाववादी गुटों के सक्रिय कार्यकर्ताओं से पूछताछ में इसकी पुष्टि हुई है।
कुछ दिनों पहले ही एनआईए को राज्य में अलगाववादियों को मिल रही वित्तीय मदद के तार दिल्ली के हवाला कारोबारियों से जुड़े होने के सबूत मिले। सूत्रों के मुताबिक अलगाववादी गुटों को पाकिस्तान से हवाला के जरिये भेजी गई वित्तीय मदद सउदी अरब, बांगलादेश और श्रीलंका के रास्ते दिल्ली के हवाला ऑपरेटरों तक भेजी जाती है। दिल्ली से यह राशि पंजाब और हिमाचल प्रदेश के हवाला ऑपरेटरों के जरिये जम्मू कश्मीर पहुंचती है।
एनआईए इस मामले की शुरुआती जांच के आधार पर पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद, कट्टरपंथी कश्मीरी अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी और जम्मू कश्मीर नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष नईम खान को नामजद कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक अलगाववादियों को हवाला के जरिये दी जा रही वित्तीय मदद पर भारतीय जांच एजेंसियों की सख्ती के मद्देनजर अब सक्रिय गुटों को श्रीनगर और आसपास के इलाकों में संपत्ति के कारोबार में निवेश करने के निर्देश मिलने का भी खुलासा हुआ है। इस खुलासे के बाद एनआईए ने कश्मीर में अलगावादियों के संपत्ति में निवेश की पड़ताल शुरू कर दी है।