नई दिल्ली। बीफ खाने को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने गोहत्या पर दिए गए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर उनकी आलोचना की है। इसके लिए उन्होंने हिंदू महासभा के नेता और स्वतंत्रता सेनानी दामोदर विनायक सावरकर के एक बयान का उदाहरण दिया है।
अपने एक भाषण में पवार ने कहा कि सावरकर मानते थे कि जब गाय की कोई जरूरत न रह जाए तो उसका मांस खाने से कोई दोषी नहीं हो सकता। विदित हो कि भागवत ने देशभर में गोहत्या पर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना था कि सावरकर चाहते थे कि गाय किसान के उपर बोझ नहीं बननी चाहिए।
पवार ने अपनी हिन्दी जीवनी 'अपनी शर्तों पर' के उद्घाटन समारोह के मौके पर कहा कि स्वतंत्रता सेनानी डीवी सावरकर ने कहा था कि गाय एक 'उपयोगी पशु' है। लेकिन जब इसकी उपयोगिता समाप्त हो जाए तो वह किसानों पर बोझ नहीं बनना चाहिए। इसलिए अगर किसी ने गो हत्या करके उसका मांस खाया तो मैं उसे दोषी नहीं मानता।
जबकि संघ प्रमुख भागवत का कहना है कि आरएसएस पूरे देश में गोहत्या रोकने वाला कानून चाहता है। उन्होंने यह भी कहा था कि गोरक्षा का काम इस तरह से किया जाए कि अधिक से अधिक लोग इस मुहिम से जुड़ें और इस काम को करने वालों को प्रशंसा मिले। उनका कहना था कि अहिंसक प्रयासों से कानून में बदलाव का रास्ता भी साफ होगा। कहीं कानून हो चाहे ना हो, लेकिन यदि समाज का व्यवहार बदलता है तो गोहत्या बंद हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल को राजस्थान के अलवर जिले के बहरोड़ कस्बे में कुछ लोगों ने 55 साल के मुस्लिम पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। आरोप है कि उस पर गोरक्षकों ने हमला किया था। घटना के वक्त पहलू खान अपने बेटों के साथ राजस्थान से गाय समेत कुछ मवेशी खरीद कर हरियाणा के मेवात जा रहा था।
जबकि कथित गोरक्षक हमलावरों का आरोप था कि वह गाय मारने के लिए ले जा रहा है। इस घटना को लेकर संसद में खूब हंगामा हुआ था और कांग्रेसी नेताओं ने बीजेपी पर अपनी विचारधारा को लोगों पर जबरन थोपने का आरोप लगाया था।