मुंबई। महाराष्ट्र के दिग्गज मराठा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि पिछले तीन महीने से एक ही मुद्दे पर चर्चा हो रही है। उनका इशारा सुशांत सिंह (Sushant Singh Rajput) राजपूत आत्महत्या मामले से था।
पवार ने कहा कि देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन इस मुद्दे पर किसी का ध्यान नहीं है। दरअसल, पिछले तीन महीनों से एक ही मुद्दे पर चर्चा हो रही है, जबकि अन्य जरूरी मुद्दों को अनदेखा किया जा रहा है।
राकांपा नेता ने कहा कि सरकार को इन मुद्दों पर भी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। पवार ने राज्यसभा से निलंबित 8 सांसदों के आंदोलन का भी समर्थन किया।
हालांकि लोगों ने पवार के बाद ट्विटर पर उन्हें ट्रोल किया। शैलेश चौधरी नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि जब शरद पवार कृषि मंत्री थे, तब सबसे ज्यादा आत्महत्या महाराष्ट्र में हुई थीं। तब आप लोगों ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू क्यों नहीं किया था?
किसानों की चिंता होती तो 10 साल कांग्रेस सरकार में रही तब किसानों के लिए क्या उपाय किए गए थे? इसके अलावा कई लोगों ने महाराष्ट्र में कोरोना स्थिति को लेकर भी पवार पर निशाना साधा।