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थरूर का आरोप, पुलिस ने सहयोगी को किया प्रताड़ित

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नई दिल्ली , बुधवार, 7 जनवरी 2015 (23:09 IST)
नई दिल्ली। सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले को एक नया मोड़ देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने उनके घरेलू नौकर को शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया और धमकी दी, ताकि वह इस बात का इकबालिया बयान दे कि उन दोनों ने (नौकर और थरूर ने) उनकी (सुनंदा) हत्या की है। वहीं पुलिस ने कहा कि वह प्रथम दृष्टया मानती है कि यह हत्या का मामला है।
 
दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा कि सुनंदा की मौत के मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है। थरूर ने बस्सी को 12 नवंबर को एक पत्र लिखकर उनके घरेलू नौकर नारायण सिंह पर पुलिस द्वारा दबाव बनाने का आरोप लगाया था।
 
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पत्र में शिकायत की थी कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों में से एक का आचरण अस्वीकार्य और अवैध है जिसने उनके घरेलू नौकर सिंह को बार-बार शरीरिक रूप से प्रताड़ित किया ताकि वह इस बात को स्वीकार कर ले कि उन्होंने और उनके नौकर ने उनकी (सुनंदा) हत्या की है। थरूर ने कहा कि वह और उनके कर्मचारी ने मामले की जांच में पुलिस के साथ पूरा सहयोग किया था।
 
उन्होंने अपने पत्र में लिखा था, इसलिए मैं यह जानकर स्तब्ध हूं कि शुक्रवार सात नवंबर 2014 को दिल्ली पुलिस के चार अधिकारियों द्वारा 16 घंटे की पूछताछ और फिर आठ नवंबर 2014 को 14 घंटे की पूछताछ के दौरान मेरे घरेलू नौकर नारायण सिंह को आपके एक अधिकारी ने बार-बार शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया। 
 
थरूर ने अपने पत्र में लिखा था, सबसे खराब बात यह हुई कि अधिकारी ने नारायण को डराने के लिए उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया ताकि वह यह स्वीकार कर लें कि उसने (घरेलू नौकर) और मैंने अपनी पत्नी (सुनंदा) की हत्या की थी। 
 
थरूर ने आठ नवंबर को बस्सी के साथ टेलीफोन पर हुई अपनी बातचीत का भी हवाला दिया जब उन्होंने पुलिस की कथित कार्रवाई के बारे में चिंता व्यक्त की थी।
 
दिल्ली पुलिस ने सुनंदा की मौत के मामले में एम्स की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया था।
 
दिल्ली पुलिस ने कहा कि मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) एसआईटी ने तहकीकात के लिए एक कार्ययोजना तैयार की है। इसके साथ ही पुलिस ने थरूर से पूछताछ की संभावना से इंकार नहीं किया।
 
बस्सी ने कहा, जब हम भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का कोई मामला दर्ज करते हैं तो इसका मतलब है कि हमारे पास इस बात पर विश्वास करने के प्रथम दृष्टया कारण हैं कि यह हत्या का मामला है। 
 
उनसे सवाल किया गया था कि क्या पुलिस के पास कोई सबूत है कि यह हत्या का मामला था। एम्स की रिपोर्ट में निष्कर्ष दिया गया है कि उनकी मौत अस्वाभाविक थी और जहर के कारण हुई थी। इस पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया।
 
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 17 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में एक पंच सितारा होटल में 51 वर्षीय सुनंदा मृत पाई गई थीं। (भाषा) 

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