G20 Summit : कांग्रेस नेता शशि थरूर यूं तो अक्सर पीएम मोदी की तारीफ करते रहे हैं, लेकिन इस बार उनके बयान को खासा अहम माना जा रहा है। दरअसल, रविवार को जी-20 सदस्यों की नई दिल्ली घोषणा की सराहना करते हुए शशि थरूर ने कहा कि यह निस्संदेह भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत है।
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक विशेष इंटरव्यू में थरूर ने कहा कि यह एक अच्छी उपलब्धि है क्योंकि जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) बुलाए जाने तक इस बात की ज्यादा उम्मीद थी कि कोई समझौता संभव नहीं होगा। इसलिए एक संयुक्त बयान जारी करना संभव नहीं हो सकता है और हमें जी-20 शिखर सम्मेलन का समापन अध्यक्ष के संक्षिप्त बयान के साथ करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि शनिवार को जी-20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के दिन ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई दिल्ली जी-20 लीडर्स समिट घोषणा पर आम सहमति बन गई थी।
यह एक कूटनीतिक उपलब्धि : शशि थरूर ने नई दिल्ली घोषणा पर सभी सदस्य देशों के बीच आम सहमति बनाने के लिए भारत की सराहना की। थरूर ने कहा कि उन लोगों के बीच बड़ी खाई थी जो यूक्रेन में रूसी हमले की निंदा करना चाहते थे और रूस और चीन जैसे लोग, जो उस विषय का कोई भी उल्लेख नहीं चाहते थे। भारत उस खाई को पाटने के लिए एक फार्मूला खोजने में सक्षम था। यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि है, क्योंकि जब संयुक्त बयान के बिना कोई शिखर सम्मेलन खत्म होता है, तो इसे हमेशा अध्यक्ष के लिए एक झटके के रूप में देखा जाता है।
एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम बना दिया : भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन पर थरूर ने कहा कि सरकार ने वास्तव में इसे पीपुल्स जी20 बना दिया। साथ ही थरूर ने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा ने दुनिया के नेताओं के इस विशाल सम्मेलन को अपने लिए एक उपलब्धि में बदलने की एक कोशिश की। भारत सरकार ने कुछ ऐसा किया जो पिछले G-20 अध्यक्षों ने नहीं किया था। उन्होंने वास्तव में इसे एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम बना दिया। 58 शहरों में 200 बैठकें कीं। कुछ मायनों में G20 के संदेश को पूरी जनता तक ले जाने का श्रेय भारत को जाता है। भारत ने पिछले साल 1 दिसंबर को G20 की अध्यक्षता संभाली थी।
Edited by navin rangiyal