नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस के शशि थरूर ने तिरुवनंतपुरम में अपने कार्यालय पर हुए हमले का विषय उठाया और अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है।
शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए थरूर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ऐसी घटनाओं पर चुप्पी तोड़ने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे हमले देश में बढ़ रहे हैं। कल ही स्वामी अग्निवेश पर हमला किया गया और ऐसा सत्तारूढ़ दल की शह पर हो रहा है।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि यह घटना केरल की है, केरल में किसकी सरकार है, इसके बारे में थरूर समेत सभी को पता है। कानून एवं व्यवस्था राज्य का विषय होता है। ऐसे में केरल में जो कुछ हुआ, उसकी जिम्मेदारी हमारे ऊपर नहीं डाली जा सकती है।
अनंत कुमार की टिप्पणी पर माकपा सदस्य आसन के समीप आए गए। इस पर लोकसभा उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरई ने कहा कि संसद सदस्य थरूर के संबंध में घटी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम संसदीय कार्य मंत्री से आग्रह करते हैं कि सदस्य की सुरक्षा के विषय को देखें। उन्होंने इस संबंध में रिकार्ड से राजनीतिक दलों के नाम हटाने का निर्देश दिया।
इससे पहले, थरूर ने कहा कि उनके कार्यालय पर हमला और इस तरह की घटना कोई सामान्य बात नहीं है बल्कि यह देश के बहुलतावादी और लोकतांत्रिक स्वरूप पर हमला है। हम साम्प्रदायिक हिंसा, भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने और गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस सदस्यों ने सरकार से इस पर जवाब देने की मांग की।
भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह घटना केरल की है और वहां किसकी सरकार है, सभी को पता है। (भाषा)