शीना मर्डर केस में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। इंद्राणी के साथ आरोपी ड्राइवर को भी 14 दिन के लिए जेल भेजा गया है। जबकि संजीव खन्ना को पुलिस कोलकाता ले गई। दूसरी ओर शीना और इंद्राणी के डीएनए सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसका मतलब कि शीना इंद्राणी की बेटी थी।
इससे पहले शीना मर्डर केस में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी, संजीव मुखर्जी और ड्राइवर को 31 अगस्त को बांद्रा कोर्ट में पेश किया गया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने तीनों को 5 सितंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
हाई प्रोफाइल शीना हत्याकांड के तीन मुख्य आरोपियों-इंद्राणी मुखर्जी, उनके पूर्व पति संजीव खन्ना और उनके पूर्व ड्राइवर श्यामवर राय को बांद्रा कोर्ट में पेश किया गया। इससे पहले तीनों आरोपियों को सात सितंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
पुलिस का आरोप है कि 24 अप्रैल, 2012 की शाम इंद्राणी और संजीव ने शीना को बांद्रा के करीब स्थित एक जगह से अपनी कार में बैठाया। कार इंद्राणी का ड्राइवर श्यामवर चला रहा था। उसी दौरान शीना की गला दबाकर हत्या कर दी गई।
बाद में वे लोग कार रायगढ़ जिले के गगोड़ गांव के करीब स्थित एक सुनसान जगह पर ले गए और शीना के शव को जला दिया। पुलिस हत्या में इस्तेमाल हुई कार पहले ही बरामद कर चुकी है।
पुलिस इस मामले को अभी तक सुलझाने में कुछ खास कामयाब नहीं दिखाई दे रही है। हालांकि कुछ सबूत हैं जिसके दम पर मुंबई की पुलिस शीना मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में जुटी है। 10 दिन से शीना की मां इंद्राणी पुलिस के कब्जे में है। लेकिन सुलझने के बजाए हत्या की गुत्थी उलझती ही जा रही है।
इधर मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने शीना मर्डर केस की जांच में कई बड़े खुलासे किए हैं। शीना केस में उनके साथ 6 अधिकारियों की टीम पूछताछ और जांच पड़ताल में लगी हुई है। मारिया का कहना हैं कि 'वह इस मामले को दिल्ली का आरुषि केस नहीं बनने देंगे।'
30 सितंबर को राकेश मारिया का प्रमोशन होना है। मारिया उससे पहले इस केस की जांच पूरी करना चाहते हैं। वह शीना बोरा मर्डर केस को दिल्ली का आरुषि मर्डर केस नहीं बनने देंगे। 2008 में हुए आरुषि केस में आरुषि के पिता राजेश और मां नूपुर मुख्य आरोपी थे। आरुषि के पिता राजेश अब जेल में हैं।
एक हिंदी समाचारपत्र को दिए इंटरव्यू में मारिया ने कहा कि केस में तो सबकुछ साफ है। मीडिया पुलिस के काम में दखल दे रही है। 30 सितंबर से पहले वह इस केस को पूरा करना चाहते हैं। सभी जांच ठीक से हो जाएं जिससे जब भी इसका फैसला आए तो कोई ये न कहे कि जांच ठीक से नहीं हुई।
मारिया ने कहा इस केस में सबसे ज्यादा महत्व डीएनए सैम्पल का है। इस केस में डिजिटल फेशियल इम्पोजिशन की मदद ली गई है। राकेश मारिया ने कहा यह केस साढ़े तीन साल पुराना है, इसलिए सबूत इकट्ठा करने में परेशानी आ रही है।