Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

साईं बाबा कहां जन्मे थे, कहां है उनका असली जन्म स्थान?

Advertiesment
हमें फॉलो करें shirdi sai baba biography and birth place
, शनिवार, 18 जनवरी 2020 (14:19 IST)
साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट शिरडी तथा शहर के लोग इस समय बेहद नाराज हैं। इसका कारण है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा महाराष्ट्र के पाथरी (परभणी में) को सांई बाबा की जन्मभूमि बताने और इस स्थल के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट दिए जाने की घोषणा।
 
 
इस घोषणा के बाद साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमने अफवाहों के ‍खिलाफ 19 जनवरी से शिर्डी को बेमियादी बंद करने की घोषणा की है। साल में यह पहला मौका होगा जब शिर्डी में बंद होगा। 

 
ट्रस्ट मानता है कि साईं बाबा पर एकमात्र प्रामाणिक पुस्तक है श्रीगोविंदराव रघुनाथ दाभोलकर द्वारा लिखित 'श्री साईं सच्चरित्र' जिसमें इसका कोई उल्लेख नहीं है कि साईं बाबा का जन्म कहां हुआ था। इस पुस्तक में उनके जन्म और बचपन की कोई जानकारी नहीं मिलती है। यही वजह है कि साईं ट्रस्ट पाथरी को सांई के जन्म के रूप में विकसित करने का विरोध करता है। 

 
साईं बाबा के जन्मस्थान को लेकर क्या हैं अन्य आधार : हालांकि साईं बाबा के जन्म, बचपन और शिरडी में उनके द्वारा बिताए जीवन के बारे में अन्य कई किताबें लिखी गई हैं जिनमें से कुछ में उनके जन्म स्थल के बारे में संक्षिप्त जानकारी मिलती है।

 
'सद्‍गुरु साईं दर्शन' (एक बैरागी की स्मरण गाथा) : साईं के बचपन पर एक किताब कन्नड़ में भी लिखी गई है जिसका नाम अज्ञात है। लेखक का नाम है- बीव्ही सत्यनारायण राव (सत्य विठ्ठला)। विठ्ठला ने यह किताब उनके नानानी से प्रेरित होकर लिखी थी। उनके नानाजी साईं बाबा के पूर्व जन्म और इस जन्म अर्थात दोनों ही जन्मों के मित्र थे। इस किताब का अंग्रेजी में अनुवाद प्रो. मेलुकोटे के. श्रीधर ने किया और इस किताब के कुछ अंशों का हिन्दी में अनुवाद शशिकांत शांताराम गडकरी ने किया। हिन्दी किताब का नाम है- 'सद्‍गुरु सांईं दर्शन' (एक बैरागी की स्मरण गाथा)। इस किताब में साईं बाबा का जन्म स्थान 'पाथरी' ही बताया गया है।

 
'ए यूनिक सेंट साईं बाबा ऑफ शिर्डी' : यह किताब श्री विश्वास बालासाहेब खेर और एमवी कामथ ने लिखी थी। खेर ने यह किताब साईं बाबा के समकालीन भक्त स्वामी साईं शरणानंद की प्रेरणा से लिखी थी। इस किताब में पाथरी को शिरडी के साईं बाबा का जन्म स्थान माने जाने के प्रमाण दिए गए हैं।

webdunia
खेर ने ही साईं की जन्मभूमि पाथरी में बाबा के मकान को भुसारी परिवार से चौधरी परिवार को खरीदने में मदद की थी जिन्होंने उस स्थान को साईं स्मारक ट्रस्ट के लिए खरीदा था। शरणानंदी की किताब का नाम है- 'श्री साईं द सुपरमैन'

 
सत्य साईं बाबा ने किया था खुलासा : साईं बाबा के बारे में सबसे सटीक जानकारी सत्य साईं बाबा द्वारा दी गई है जिन्हें बाबा का अवतार ही माना जाता है। उन्होंने उनका जन्म स्थान पाथरी गांव ही बताया है। सत्य साईं बाबा मानते थे कि शिरडी के सांई बाबा का जन्म 27 सितंबर 1830 को महाराष्ट्र के पाथरी (पातरी) गांव में हुआ था।

 
ऐसा विश्वास किया जाता है कि महाराष्ट्र के परभणी जिले के पाथरी गांव में साईं बाबा का जन्म हुआ था और सेल्यु में बाबा के गुरु वैकुंशा रहते थे। पाथरी में सांई के जन्म स्थान पर एक मंदिर है। मंदिर में सांई की आकर्षक मूर्ति रखी हुई है। वहां पुरानी वस्तुएं जैसे बर्तन, घट्टी और देवी-देवताओं की मूर्तियां भी रखी हुई हैं। 

 
मंदिर के व्यवस्थापकों के अनुसार यह साईं बाबा का जन्मस्थान है। इस किताब के अनुसार शिरडी सांई बाबा का जन्म भुसारी परिवार में हुआ था, जिनके पारिवारिक देवता कुम्हार बावड़ी के श्री हनुमान थे, जो पाथरी के बाहरी इलाके में है। 

 
उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने एक खबर दिखाई गई थी जिसके अनुसार साईं बाबा के वंशज आज भी औरंगाबाद, निजामाबाद और हैदराबाद में रहते हैं। साईं के बड़े भाई रघुपति के 2 पुत्र थे- महारुद्र और परशुराम बापू। 

 
महारुद्रजी के जो बेटे हैं, उनमें से एक रघुनाथजी थे जिनके पास पाथरी का मकान था। रघुनाथ भुसारीजी के 2 बेटे और 1 बेटी है- दिवाकर भुसारी, शशिकांत भुसारी और एक बेटी जो नागपुर में है। दिवाकर हैदराबाद में और शशिकांत निजामाबाद में रहते हैं। परशुराम के बेटे भाऊ थे। भाऊ को प्रभाकर राव और माणिक राव नामक 2 पुत्र थे। प्रभाकर राव के प्रशांत, मुकुंद, संजय नामक बेटे और बेटी लता पाठक हैं, जो औरंगाबाद में रहते हैं। माणिकराव भुसारी को 4 बेटियां हैं- अनिता, सुनीता, सीमा और दया।

 
हालांकि शिरडी के साईं बाबा की जन्मतिथि और स्थान को लेकर कोई पुख्ता प्रणाम नहीं हैं। उपरोक्त सभी संदर्भ पुस्तकों और अन्य सूत्रों के हवाले से हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वीर सावरकर पर फिर 'रार', संजय राउत बोले- विरोध करने वालों को भेज दो अंडमान जेल