मुंबई। शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता को ऑक्सीजन बताने वाली टिप्पणी के लिए बुधवार को उनकी आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग ‘अच्छे दिन’ लाने में नाकाम रहे उन्हें अब विपक्ष में बैठने के खयाल से भी हीन भावना महसूस होती है और सत्ता को ऑक्सीजन मिलती रहे इसलिए चोरों को ‘पवित्र’ किया जा रहा है।
पार्टी ने कहा कि कंप्यूटरों और मोबाइल फोनों की जासूसी करने का सरकार का कदम सच्चे लोकतंत्र का संकेत नहीं है बल्कि उसकी सत्ता में रहने की ‘बेताबी’ है।
पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखे एक संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि आज अयोध्या में भगवान राम और राजनीति में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी वनवास में हैं जबकि ‘सत्ता के ऑक्सीजन’ पर दूसरे ही लोग जी रहे हैं। केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने कहा कि किसी को जबरन वनवास भेजना सत्ता के लिए मौजूदा राजनीति है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने सोमवार को कहा था कि ‘कुछ लोगों’ के लिए सत्ता ऑक्सीजन की तरह है और अगर वे उससे ‘दो या पांच साल’ के लिए दूर भी हो जाते हैं तो वे बैचेन हो जाते हैं।
मराठी भाषा के दैनिक समाचार पत्र ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग सत्ता में रहने के बावजूद ‘अच्छे दिन’ लाने में नाकाम रहे, उन्हें अब विपक्ष में बैठने का डर है। अब उन्हें विपक्ष में बैठने के खयाल से भी हीन भावना महसूस हो रही है।
अखबार में कहा गया है कि मोदीजी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने अपना ज्यादातर जीवन विपक्ष में बैठकर बिताया लेकिन कभी विचलित नहीं हुए जबकि मोदीजी के अनुसार कुछ लोग उनके ठीक विपरीत हैं। अब सवाल उठता है कि ये कौन लोग हैं?
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि सत्ता की ऑक्सीजन रहे इसलिए गुंडों और चोरों को पवित्र किया जाए। चुनाव जीतने के लिए डाकुओं को ‘वाल्मीकि’ बनाया जा रहा है। आखिरकार, यह सत्ता की बेताबी ही लगती है। भाजपा पर तीखा हमला करते हुए पार्टी ने कहा कि सत्ता के लिए शिवसेना के साथ हिंदुत्व के सिद्धांत पर आधारित गठबंधन 2014 में भी टूटा था और ‘हिंदुत्व के ऑक्सीजन के सिलिंडर’ को लूटा गया था। (भाषा)