मुंबई। शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक के राज्यसभा में पारित होने के बाद गुरुवार को कहा कि सरकार पाकिस्तान की ओर से हो रही घुसपैठ के प्रयासों को नजरअंदाज कर रही है।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा गया है कि शरणार्थियों को नागरिकता देने का वातावरण तैयार किया जा रहा है लेकिन सरकार पाकिस्तान की ओर से हो रही घुसपैठ के मुद्दे पर आंखें कब खोलेगी?
सामना में कहा गया है कि सरकार ने दावा किया था कि अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से खत्म करने के बाद हालात ठीक हैं लेकिन यह गलत साबित हुआ क्योंकि पाकिस्तान की तरफ से ‘84 बार घुसपैठ की कोशिश’ हुई और ‘59 आतंकवादी’ भारत में प्रवेश कर चुके हैं।
शिवसेना ने सोमवार को लोकसभा में इस विधेयक का समर्थन किया था और राज्यसभा में वोटिंग से पहले यह कहते हुए बहिर्गमन कर गई थी कि सरकार उसके सवालों का संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाई। शिवसेना ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि सीमापार से बढ़ रही घुसपैठ के बारे में संसद में जानकारी देने के बाद भी इस पर कोई चर्चा या बहस नहीं हुई।
‘सामना’ में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर से 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद सरकार ने दावा किया था कि वहां हालात अच्छे हैं जो गलत साबित हुआ। पार्टी के मुखपत्र में दावा किया गया है कि अगस्त से अब तक घुसपैठ की 84 कोशिशें हो चुकी हैं जिनमें 59 आतंकवादी विभिन्न सीमा क्षेत्रों से होते हुए भारत में दाखिल हो चुके हैं। यह दिखाता है कि घुसपैठ की कोशिशें सफल रहीं।
शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है कि शरणार्थियों को नागरिकता देने का वातावरण तैयार किया जा रहा है, लेकिन क्या सरकार घुसपैठ के मुद्दे पर अपनी आंखें खोलेगी?’’
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के इस मुखपत्र में बताया गया है कि 2005 से 2019 के बीच भारतीय सुरक्षा बलों ने 42 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया और 2,253 घुसपैठियों की कोशिशें नाकाम की और पिछले 14 वर्षों में सुरक्षा बलों ने 1,110 आतंकवादियों को मार गिराया है। शिवसेना ने बताया कि 2014 से 2019 के बीच घुसपैठ अपने ‘चरम’ पर है।