Shiv Sena UBT faction: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court)शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की उस याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सोमवार को राजी हो गया जिसमें जून 2022 में पार्टी के विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को असली शिवसेना घोषित करने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती दी गई है।
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता की उस दलील पर गौर किया कि सोमवार को सूचीबद्ध की जाने वाली याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है। सीजेआई ने कहा कि हम इस पर गौर करेंगे।
उच्चतम न्यायालय ने उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर 22 जनवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ अन्य विधायकों से जवाब मांगा था। अदालत ने तब याचिका को 2 सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था।
ठाकरे गुट का आरोप : ठाकरे गुट ने आरोप लगाया है कि शिंदे ने असंवैधानिक रूप से सत्ता हथिया ली और असंवैधानिक सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने 10 जनवरी को सुनाए गए अपने आदेश में शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को भी खारिज कर दिया था। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सुनाए गए आदेशों को चुनौती देते हुए ठाकरे गुट ने इसे स्पष्ट रूप से गैरकानूनी और गलत बताया और कहा कि दल-बदल के कृत्य को दंडित करने के बजाय दल-बदलुओं को पुरस्कृत किया गया है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta