Maharashtra Politics : शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी को 'असली' शिवसेना के रूप में मान्यता देने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर निशाना साधा। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि चोरों के गिरोह को मान्यता देकर संविधान को कुचल दिया गया है।
'सामना' के छपे एक संपादकीय में कहा गया कि महाराष्ट्र की जनता इसमें शामिल लोगों को माफ नहीं करेगी। वहीं, इसने सत्तारूढ़ भाजपा पर भी निशाना साधा।
पार्टी के सांसद संजय राउत ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नार्वेकर को न्याय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी लेकिन उन्होंने शिंदे के वकील के रूप में काम किया।
सामना के संपादकीय में नार्वेकर पर निशाना साधते हुए कहा गया, चोरों के गिरोह को मान्यता देकर संविधान को कुचल दिया गया। इसमें कहा गया कि अध्यक्ष का फैसला पहले से ही तय था और इसमें हैरान होने वाली कोई बात नहीं है।
मराठी भाषी दैनिक अखबार ने कहा कि अध्यक्ष का लंबा चौड़ा फैसला दिल्ली में उनके आकाओं ने लिखा था। इसमें आरोप लगाया गया कि बाल ठाकरे की शिवसेना को गद्दारों के हवाले करने का फैसला महाराष्ट्र के साथ बेईमानी में शामिल होने के समान है।
संपादकीय में कहा गया कि नार्वेकर के पास इतिहास रचने का मौका था लेकिन उन्होंने ऐसा फैसला दिया जिसने लोकतंत्र के चेहरे पर कालिख पोत दी।
शिवसेना में विभाजन के 18 महीने बाद इस फैसले से शीर्ष पद के लिए शिंदे की जगह पक्की हो गई है। वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन में उनकी राजनीतिक ताकत भी बढ़ गई है। सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा और राकांपा का अजित पवार गुट भी शामिल है।