अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और वाणिज्यिक 'एक्सिओम-4 मिशन' के उनके 3 अन्य साथी मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए। ड्रैगन 'ग्रेस' अंतरिक्ष यान दक्षिणी कैलिफोर्निया में सैन डिएगो के नजदीक समुद्र में उतरा। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 20 दिन के प्रवास के बाद अंतरिक्ष यात्रियों ने पृथ्वी पर लौटने से पहले 22.5 घंटे की यात्रा की। चारों यात्री अंतरिक्ष यान के कैप्सूल से बाहर आ गए हैं। शुक्ला, कमांडर पैगी व्हिटसन तथा मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीवस्की और हंगरी के टिबोर कापू को लेकर अंतरिक्ष यान सोमवार को भारतीय समयानुसार शाम 4:45 बजे अंतरिक्ष स्टेशन से अलग हो गया था।
स्पेसएक्स ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि ड्रैगन के उतरने की पुष्टि हो गई है - पृथ्वी पर आपका स्वागत है, @एस्ट्रोपेगी, शुक्स, @एस्ट्रो_स्लावोज और टिबी। मिशन परिवाहक 'स्पेसएक्स' की तीव्र गति वाली नौकाओं को अंतरिक्ष यान की ओर बढ़ते देखा गया ताकि उसे 'रिकवरी शिप शैनन' तक लाया जा सके, जहां अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर लाया जाएगा। एक्सिओम-4 के चालक दल को जहाज पर ही कई चिकित्सीय जांचों से गुजरना होगा। उसके बाद उन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए वापस तट पर भेजा जाएगा।
चारों अंतरिक्ष यात्रियों के फिर से धरती के वातावरण में गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के प्रति अनुकूलन के लिए सात दिन पुनर्वास कार्यक्रम में रहने उम्मीद है क्योंकि पृथ्वी की कक्षा में वे भारहीनता की स्थिति में थे।
पीएम मोदी बोले- अरबों सपनों को किया प्रेरित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि शुभांशु शुक्ला ने अपने समर्पण, साहस और अन्वेषण भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिन रहने के बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं।
मोदी ने 'एक्स' पर कहा कि मैं राष्ट्र के साथ मिलकर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट आए हैं। उन्होंने शुक्ला की उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले पहले भारतीय हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत के अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन - गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।
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अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और वाणिज्यिक 'एक्सिओम-4 मिशन' के उनके 3 अन्य साथी मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए। ड्रैगन 'ग्रेस' अंतरिक्ष यान दक्षिणी कैलिफोर्निया में सैन डिएगो के नजदीक समुद्र में उतरा।
देशभक्ति के नारों से गूंजा लखनऊ
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला वाणिज्यिक 'एक्सिओम-4 मिशन' को पूरा करने के बाद मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए और इस खुशी में उनके गृह नगर लखनऊ में हर जगह जश्न का माहौल है।
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और वाणिज्यिक 'एक्सिओम-4 मिशन' के उनके 3 अन्य साथी मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए। ड्रैगन 'ग्रेस' अंतरिक्ष यान दक्षिणी कैलिफोर्निया में सैन डिएगो के नजदीक समुद्र में उतरा।
शुभांशु के गृहनगर लखनऊ में इस उपलब्धि पर देशभक्ति के नारे गूंज उठे और लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दी।
उनके पूर्व विद्यालय सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के कानपुर रोड परिसर में भी लोगों ने जश्न मनाया। शुभांशु के परिवार के सदस्यों के साथ-साथ छात्रों, शिक्षकों और गणमान्य व्यक्तियों ने भारतीय झंडे लहराकर कैप्सूल के प्रशांत महासागर में उतरने का स्वागत किया।
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला और उनकी मां आशा की आंखों में खुशी के आंसू देखे गए, जबकि उनकी बहन सुचि मिश्रा ने नम आंखों और हाथ जोड़कर अपने भाई के उतरने का स्वागत किया।
शंभू शुक्ला ने कहा कि वह अंतरिक्ष में गया और वापस आया है और हम बहुत खुश हैं क्योंकि इस मिशन का देश के गगनयान कार्यक्रम के लिए अपना महत्व है। शुभांशु की मां आशा देवी अपने बेटे की असाधारण उपलब्धि पर भावुक हो गईं।
सुचि ने कहा कि पिछले 18 दिन हमने अपने भाई की अंतरिक्ष यात्रा के बारे में इतनी बातें की कि अब जब लैंडिंग हुई तो हमारे पास शब्द नहीं हैं। यह जानकर बहुत सुकून मिलता है कि मेरे भाई ने देश के लिए जो कुछ भी हासिल करने का लक्ष्य रखा था, वह हासिल हो गया है।
शुभांशु के परिवार तथा सीएमएस प्रबंधन ने केक काटकर खुशियां बांटीं और जैसे ही अंतरिक्ष यान समुद्र में उतरा तो स्वागत में जयकारे लगे और वहां मौजूद खड़े होकर तालियां बजाने लगे।
सीएमएस प्रबंधक प्रो. गीता गांधी किंगडन ने कहा कि शुभांशु की सफलता ने हमारे छात्रों की कल्पनाशीलता को प्रज्वलित किया है। वह सीएमएस के आदर्श वाक्य 'जय जगत का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं और दर्शाते हैं कि अंतरिक्ष कोई कल्पना नहीं है- यह हमारा भविष्य है। भाषा Edited by : Sudhir Sharma