प्रधानमंत्री के साथ सोमवार शाम को बातचीत में शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक की अपनी अंतरिक्ष यात्रा, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों के साथ तालमेल और कक्षीय प्रयोगशाला में किए गए प्रयोगों के बारे में अपने अनुभव भी साझा किए।
शुक्ला ने कहा कि भारत के गगनयान मिशन को लेकर लोग बेहद उत्साहित हैं। मेरे मिशन के कई साथी (एक्सिओम-4 मिशन के) इस प्रक्षेपण के बारे में जानना चाहते थे। मिशन के मेरे कई साथियों ने मुझसे वादा भी लिया कि उन्हें गगनयान मिशन के प्रक्षेपण के लिए आमंत्रित किया जाएगा। वे हमारे यान में यात्रा करना चाहते थे।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए 40-50 अंतरिक्ष यात्रियों का एक समूह तैयार करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि आपका मिशन पहला कदम है।
मोदी ने शुक्ला से कहा कि आईएसएस के लिए उनका मिशन भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में सहायक होगा। भारत की 2027 में अपना पहला मानव अंतरिक्ष यान भेजने तथा 2035 तक खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना है। भारत की 2040 तक चंद्रमा पर अपना अंतरिक्ष यात्री उतारने की भी योजना है।
edited by : Nrapendra Gupta