नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। जेटली के मानहानि मामले में कर के पैसों से वकील की फीस संबंधी मामला अभी थमा भी नहीं था कि शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आ गए।
सितंबर 2016 में तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा केजरीवाल सरकार के फैसलों की समीक्षा के लिए गठित शुंगलू समिति ने सरकार के कुल 440 फैसलों से जुड़ी फाइलों को खंगाला। इनमें से 36 मामलों में फैसले लंबित होने के कारण इनकी फाइलें सरकार को लौटा दी गई थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों ने समिति को बताया कि उन्होंने इस बाबत सरकार को अधिकार क्षेत्र के अतिक्रमण के बारे में समय-समय पर आगाह किया था। इसके लिए कानून के हवाले से दिल्ली में उपराज्यपाल के सक्षम प्राधिकारी होने की भी बात सरकार को बताई। इतना ही नहीं इसके गंभीर कानूनी परिणामों के प्रति भी सरकार को सहजभाव से आगाह किया।
रिपोर्ट में सभी फाइलों के अवलोकन के आधार पर कहा गया है कि सरकार ने अधिकारियों के परामर्श को दरकिनार कर संवैधानिक प्रावधानों, सामान्य प्रशासन से जुड़े कानून और प्रशासनिक आदेशों का उल्लंघन किया है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट में अरविन्द केजरीवाल सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं।
माकन ने ट्वीट कर कहा कि आरटीआई के माध्यम से तत्काल शुंगलू समिति की रिपोर्ट मिली है। कमेटी ने 404 फाइलों की जांच के बाद तैयार की गई रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के कई गंभीर मामले सामने लाए हैं।