मुंबई/दिल्ली। केंद्र सरकार नोटबंदी के फायदे बेशक गिना रही हो किंतु यह उसके लिए ही नुकसानदेह नजर आ रहा है। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सरकार को जून 17 में समाप्त साल के लिए 30 हजार 659 करोड़ रुपए का लाभांश देने की घोषणा की है। यह राशि पिछले साल के 65 हजार 876 करोड़ रुपए की तुलना में आधे से भी कम है।
आरबीआई के निदेशक मंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में सरकार को जून 17 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए 306.59 अरब रुपए का अधिशेष स्थानांतरित करने का फैसला किया गया।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बजट में केंद्रीय बैंक से 58 हजार करोड़ के लाभांश मिलने का अनुमान रखा था। रिजर्व बैंक, सरकारी बैंक और वित्तीय संस्थानों से कुल लाभांश 74,901.25 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया था।
विश्लेषकों के अनुसार, पिछले साल 9 नवंबर से हुई नोटबंदी की वजह से नए नोटों की छपाई सहित अन्य कारणों से केंद्र सरकार को रिजर्व बैंक से मिलने वाले लाभांश में कमी आई है। वर्ष 2011-12 के बाद केंद्रीय बैंक से सरकार को मिलने वाला यह सबसे कम लाभांश है। उस समय सरकार को 16 हजार 010 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे।
केंद्रीय बैंक कि कमाई में विदेशी और घरेलू स्रोतों से मिलने वाली आय है। इसमें प्रमुख योगदान ब्याज रसीदों का है। (वार्ता)