Hathras stampede : उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को स्थानीय उप जिलाधिकारी (SDM), पुलिस क्षेत्राधिकारी (CO) और 4 अन्य को निलंबित कर दिया। इस रिपोर्ट में घटना के पीछे बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया गया है।
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मीडिया खबरों के अनुसार, रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन के स्तर पर भी लापरवाही होने की बात कही गई है जिसके कारण 2 जुलाई को यह घटना हुई। जांच दल ने इस मामले में 132 लोगों के बयान दर्ज किए हैं।
रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया गया है कि उन्होंने भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए। रिपोर्ट में जिला प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई।
रिपोर्ट कहती है कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वे वरिष्ठ अधिकारियों को उचित सूचना देने में विफल रहे।
एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी समेत 6 लोगों को अपने दायित्व के निर्वहन में लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबित कर दिया।
गौरतलब है कि हाथरस जिले के फुलरई गांव में दो जुलाई को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से लोकप्रिय भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में देवप्रकाश मधुकर को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट में बाबा को क्लीन चिट दे दी गई है।
Edited by : Nrapendra Gupta