भारत युवाओं का देश है। सवा अरब की जनसंख्या में से लगभग 60.5 करोड़ लोग 25 वर्ष से कम आयु के हैं। इन युवाओं को जरूरत है तो बस सही रोजगार की। हमारी अर्थव्यवस्था को इसका लाभ तभी मिलेगा जब हमारी जनसंख्या विशेषकर युवा स्वस्थ, शिक्षित और कुशल होगी। युवाओं को रोजगार के लिए जरूरत है 'स्किल' यानि 'कौशल' की। इसी बात को समझते हुए केंद्र सरकार ने कौशल विकास कार्यक्रम की शुरूआत की है। युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाना इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य है।
कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत युवाओं को विभिन्न कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार कौशल विकास और उद्यम मंत्रालय राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के माध्यम से इस योजना को क्रियान्वित कर रही है। इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षुओं को औसतन 8,000 रूपए प्रति प्रशिक्षु नकद पारितोषिक भी दी जाएगी। कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 10वीं व 12वीं के दौरान स्कूल छोड़ने वालों पर ध्यान दिया जाएगा।
समय- समय पर विज्ञापन देकर कार्यक्रम में भाग लेने के इक्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन मंगाए जाते हैं। कौशल विकास कार्यक्रम में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का चुनाव कर, शुरू होने वाले कार्यक्रम की जानकारी दी जाती है। प्रशिक्षण के लिए आवेदन करते समय अभ्यर्थियों के रुचिकर विषयों के बारे में जानकारी ली जाती है। अभ्यर्थी जिस भी विधा में प्रशिक्षण चाहता है उसकी व्यवस्था कर, प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाता है।
अधिक जानकारी के लिए निम्न मंत्रालयों के कार्यालयों में संपर्क किया जा सकता है।
कौशल विकास और उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार- http://www.skilldevelopment.gov.in/index.html
राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी- http://www.nsda.gov.in/index.html