नई दिल्ली। देश में बाढ़ को सबसे जोखिम वाली आपदा के रूप में रेखांकित करते हुए एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आधे स्मार्ट शहर बाढ़ की जोखिम वाले जिलों में आते हैं और ऐसे में इन शहरों का विकास इन चुनौतियों और जरूरतों के अनुरूप किया जाना चाहिए।
सीड्स एवं सेंटर फॉर रिसर्च ऑन द एपिडेमिओलॉजी ऑफ डिजास्टर्स (सीआरईडी) ने शुक्रवार को ‘डिकोडिंग द मानसून फ्लड्स’ नामक अपनी एक रिपोर्ट पेश की। यह रिपोर्ट 2000 से 2017 के बीच बांग्लादेश, भारत, नेपाल और म्यांमार में आई आपदाओं के आंकड़ों पर आधारित है।
रिपोर्ट में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, इस क्षेत्र में विनाशकारी आपदाओं की सूची में बाढ़ सबसे ऊपर है। पिछले 18 सालों में इन चार देशों में बाढ़ की 361 घटनाएं (बाढ़ और चक्रवात दोनों) सामने आई हैं, जो कि एशिया के इस क्षेत्र में आई कुल आपदाओं का तीन चौथाई भाग है।
रिपोर्ट में सामने आया कि भारत में काफी संख्या में शहर एवं कस्बे उन जिलों में मौजूद हैं, जिन्होंने पिछले 18 वर्षों में कम से कम 11 बाढ़ का सामना किया है। निष्कर्षों में यह बात भी सामने आई है कि भारत के प्रस्तावित स्मार्ट शहरों में से आधे शहर बाढ़ की जोखिम वाले जिलों में आते हैं।
सीड्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. मनु गुप्ता ने कहा कि मानवीय जरूरतें बढ़ रही हैं और जरूरत एवं सहायता के बीच का अंतर बढ़ रहा है, ऐसे में इन शहरों का विकास इन चुनौतियों और जरूरतों के अनुरूप किया जाना चाहिए। (भाषा)