नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने हेरॉल्ड हाउस के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए शनिवार को कहा कि उन्हें इस फैसले का जवाब देना चाहिए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में कहा कि न्यायालय के आदेश से साफ हो गया है कि नेशनल हेरॉल्ड के नाम पर कांग्रेस पार्टी के 'एक परिवार' द्वारा सार्वजनिक संपत्ति यानी जमीन की हड़पी जा रही थी। उन्होंने सवाल किया कि उस भवन से अगर सिर्फ किराया वसूला जा रहा है, तो फिर लीज जारी रखने का क्या मतलब है?
उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर खड़ी लगभग 5,000 करोड़ रुपए की संपत्ति को एक ट्रस्ट बनाकर महज 50 लाख रुपए में एक परिवार की संपत्ति के रूप में कैसे तब्दील किया जा सकता है? देश की सार्वजनिक संपत्ति का सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनके परिवार के लोग किस तरह से दुरुपयोग करते हैं, इस पर न्यायालय की मुहर लगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कभी दामाद कुछ लाख रुपए में सैकड़ों करोड़ की जमीन के मालिक बन जाते हैं तो कभी सोनिया गांधी और राहुल गांधी महज कुछ लाख रुपए में हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति हथिया लेते हैं। ये कांग्रेस परिवार के घोटाले का नया 'बिजनेस मॉडल' है।
भाजपा नेता ने कहा कि इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी ने तथ्यों को छिपाने के लिए कई विरोधाभासी बयान दिए हैं। इससे संबंधित आयकर के एक मामले में गांधी परिवार एक ओर न्यायालय में बताता है कि 2008 में ही नेशनल हेरॉल्ड का प्रकाशन बंद कर दिया गया है और सभी कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गई है, वहीं दूसरी ओर जब हेरॉल्ड हाउस को खाली करने के निर्देश दिए जाते हैं तो यह परिवार कहता है कि गत कुछ महीनों से इसका प्रकाशन चल रहा है। मतलब स्पष्ट है कि गांधी परिवार किसी भी तरह से संपत्ति को हथियाना चाहता है जबकि निरीक्षण में पाया गया कि हेरॉल्ड हाउस में किसी भी प्रकार से अखबार का प्रकाशन नहीं हो रहा और इसका इस्तेमाल दूसरी व्यावसायिक गतिविधियों में हो रहा है।
प्रसाद ने कहा कि गांधी उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद आजकल हमसे राफेल सौदे के बारे में पूछते रहते हैं तो अब हम उनसे और गांधी से कहते हैं कि कृपया आप उच्च न्यायालय के इस आदेश का जवाब दें। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताना चाहिए कि किस तरह सरकार की 50,000 करोड़ रुपए की संपत्ति गांधी परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को दी गई?
उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को हेरॉल्ड हाउस 2 सप्ताह में खाली करने का आदेश दिया था। यह संपत्ति कांग्रेस के समाचार पत्र नेशनल हेरॉल्ड की है। इससे पहले केंद्र सरकार ने लीज की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए नेशनल हेरॉल्ड के नए मालिक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड को हेरॉल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया था। (वार्ता)