नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी की दुबई के होटल में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु की घटना की स्वतंत्र जांच के लिए दायर याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। श्रीदेवी की इस साल 24 फरवरी को दुबई के एक होटल में मौत हो गई थी।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड़ की 3 सदस्यीय खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह की इस दलील को स्वीकार नहीं किया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करके और यह व्यवस्था देकर गलत किया कि दुबई में प्राधिकारी पहले ही इस घटना की जांच कर चुके हैं।
उत्तरप्रदेश निवासी सुनील सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिंह ने श्रीदेवी की मौत की घटना और विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया की मृत्यु में समानता दर्शाने का भी प्रयास करते कहा कि न्यायाधीश लोया की स्वाभाविक मृत्यु को रहस्यमय मृत्यु में तब्दील कर दिया गया था जबकि रहस्यमय मृत्यु के इस मामले को स्वाभाविक मृत्यु माना जा रहा है।
सिंह ने कहा कि 5 फुट 7 इंच लंबे व्यक्ति का 5 फुट 1 इंच के बाथटब में डूबने का सवाल ही नहीं उठता। इसमें कुछ तो रहस्य है जिसकी जांच होनी चाहिए। यह देश जानना चाहता है कि दुबई के होटल में क्या हुआ था? नए सिरे से जांच का अनुरोध करते हुए उन्होंने दावा किया कि 54 वर्षीय अभिनेत्री ने ड्रिंक नहीं किया था और उसका ओमान स्थित एक बीमा कंपनी ने 250 करोड़ रुपए का बीमा कर रखा था और इसमें एक शर्त थी कि यदि बीमित व्यक्ति की दुबई में मृत्यु होती है, तो उसका नामित बीमे की रकम प्राप्त कर सकता है।
पीठ ने कुछ समय दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी। सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 9 मार्च के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी। उच्च न्यायालय ने इस जनहित याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया था।
याचिकाकर्ता का दावा है कि उसने कुछ फिल्मों में काम किया है और उनका निर्देशन किया है और वह सिनेमाघरों का संचालन करता है। उसका यह भी दावा है कि 20 से 26 फरवरी तक वह अपने परिवार के साथ दुबई में छुट्टियां मना रहा था। (भाषा)