Nestle India CMD Suresh Narayanan News : नेस्ले इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (CMD) सुरेश नारायणन ने कहा है कि संकट किसी कंपनी में बदलाव लाने का सबसे अच्छा समय होता है। उन्होंने एक दशक पहले कंपनी को प्रभावित करने वाले मैगी संकट से सीखे गए सबक को साझा किया। उन्होंने कहा कि जब माहौल में कोई भी बदलाव होता है, तो कंपनी को यह आकलन करते हुए उस पर नजर रखनी चाहिए कि इसका कितना प्रभाव पड़ने वाला है। नारायणन एक दशक तक नेस्ले इंडिया का नेतृत्व करने और कंपनी को अस्तित्व के संकट से निकालकर एक फलते-फूलते कारोबार में बदलने के बाद इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त होंगे।
उन्होंने कहा कि जब माहौल में कोई भी बदलाव होता है, तो कंपनी को यह आकलन करते हुए उस पर नजर रखनी चाहिए कि इसका कितना प्रभाव पड़ने वाला है। कंपनी के लोकप्रिय उत्पाद मैगी पर खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने जून, 2015 में प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि इसमें स्वीकार्य सीमा से अधिक सीसा पाया गया था।
उस समय नेस्ले फिलिपीन के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का कार्यभार संभाल रहे नारायणन को इस संकट से निपटने के लिए स्विस खाद्य बहुराष्ट्रीय कंपनी ने तुरंत भारत भेज दिया। वह एक अगस्त, 2015 को नेस्ले इंडिया में प्रबंध निदेशक (एमडी) के रूप में शामिल हुए और प्रतिबंध हटने के पांच महीने बाद नवंबर, 2015 में मैगी को फिर से पेश किया गया।
जब उनसे पूछा गया कि मैगी संकट से क्या सबक सीखा गया, तो उन्होंने कहा, संकट बदलाव लाने का एक बहुत अच्छा समय होता है। आप उन सभी चीज़ों को हटा सकते हैं जो उपभोक्ता के लिए मूल्यवर्धन के उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर रही हैं, और ऐसी चीज़ें ला सकते हैं जो उपभोक्ता के लिए मूल्यवर्धन करें।
मैगी संकट के दौरान अपने अनुभव को याद करते हुए उन्होंने कहा कि पहले 100 दिन उनके करियर की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थे। उन्होंने कहा, मैं नेस्ले में एक बहुत ही मुश्किल दौर में आया था। शायद यह अस्तित्व का संकट था। यह उन परिस्थितियों में से एक थी जब भारत के व्यापार जगत में मैगी सभी खबरों के केंद्र में थी।
इस अनुभव को याद करते हुए नारायणन ने कहा, इस तरह का संकट तकनीकी तथ्यों से कहीं अधिक है। इसमें दृष्टिकोण और धारणाएं मायने रखती हैं। हमारी शुरुआती प्रतिक्रिया तथ्यों पर अधिक आधारित थी, जबकि हमने यह कम करके आंका था कि एक ब्रांड के रूप में मैगी उपभोक्ताओं पर कहीं अधिक प्रभाव डाल सकती है।
नारायणन ने कहा, मुझे लगता है कि हमने यह सबक सीखा है कि माहौल या स्थिति में किसी भी बदलाव के मामले में कंपनी को यह आकलन करते रहना चाहिए कि उसका कितना प्रभाव होगा। उनके अनुसार, मैगी ब्रांड के प्रति विश्वास और उसके कर्मचारियों, साझेदारों, वितरकों, आपूर्तिकर्ताओं और उपभोक्ताओं की सामूहिक ताकत ने ही कंपनी को नए जोश के साथ वापसी करने में मदद की। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour