देहरादून। उत्तराखंड पुलिस ने शनिवार को प्रिंट व इंटरनेट मीडिया में जारी हुई इस खबर का जोरदार शब्दों में खंडन किया कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की किसी करीबी महिला को देहरादून से हिरासत में दिल्ली ले जाया गया है। पुलिस ने कहा कि एनआईए की टीम न तो देहरादून आई और न ही किसी महिला को गिरफ्तार ही किया।
उत्तराखंड पुलिस ने यहां जारी बयान में कहा कि एनआईए की टीम के उत्तराखंड पहुंचने एवं किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने की सूचना पूर्णत: असत्य है। उत्तराखंड पुलिस इसका खंडन करती है। उपरोक्त संवेदनशील प्रकरण में भ्रामक एवं असत्य खबरें नहीं प्रसारित की जानी चाहिए।
शनिवार 25 मार्च को वायरल हुई खबर में कहा गया कि खालिस्तान समर्थक व वारिस पंजाब दे संगठन के संचालक अमृतपाल सिंह की करीबी महिला को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) देहरादून से अपने साथ दिल्ली ले गई है।बताया जा रहा है कि यह महिला काफी समय से अमृतपाल के अभियान से जुड़ी हुई थी। एनआईए ने महिला से पहले दून स्थित घर पर पूछताछ की और फिर दिल्ली ले गई है। हालांकि महिला की गिरफ्तारी हुई या केवल पूछताछ के लिए ले जाया गया, इसकी जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि अमृतपाल के उत्तराखंड में घुसने की खबर को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है। उत्तराखंड के भारत-नेपाल सीमा पर भी इसको लेकर चौकसी बढ़ाई हुई है। पंजाब के कई खालिस्तानी आतंकियों के उत्तराखंड में पनाह लेने की खबरें पूर्व में भी आती रही हैं। कई ऑपरेशन को उत्तराखंड और पंजाब पुलिस ने मिलकर अंजाम दिया।उत्तराखंड में वर्षभर पर्यटन गतिविधियां चलती रहती हैं।
जिसका लाभ कई बार अपराधी होटलों धर्मशालाओं और अन्य जगहों पर शरण लेकर लेते रहे हैं। वर्ष 2021 में पठानकोट समेत कई शहरों में हुए सिलसिलेवार बम धमाके करने वाले आतंकियों को शरण देने वाले रामपुर के युवक समेत 4 लोगों को उत्तराखंड एसटीएफ ने उत्तराखंड से 22 जनवरी 2022 को गिरफ्तार किया। इन चारों का खालिस्तान टाइगर नाम के समूह से ताल्लुक होने की बात सामने आई थी।
ये सभी आतंकियों को लेकर रामपुर, उत्तर प्रदेश के एक ढाबे पर रुकने जाते थे।पंजाब से फरार हुए 4 खालिस्तान समर्थक आतंकी एक दिसंबर 2016 को पुलिस की वर्दी पहन पांवटा साहिब होते हुए देहरादून और हरिद्वार के रास्ते दिल्ली निकल गए। जांच में सामने आया कि चारों वर्दियां हरिद्वार के मंगलौर स्थित एक ढाबे पर पड़ी मिलीं। बाद में इन आतंकियों को देश के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया गया।
उधमसिंह नगर के काशीपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2021 में पंजाब के वांछित गैंगस्टर संदीप सिंह उर्फ भला शेखू, फतेह सिंह उर्फ युवराज, अमनदीप सिंह और जगवंत सिंह ने शरण ली थी। जिसे पंजाब पुलिस और उत्तराखंड एसटीएफ के साथ कार्रवाई कर एक फार्म हाउस से गिरफ्तार किया था।
नवंबर 2016 में नाभा जेल तोड़कर फरार हुए उत्तराखंड पुलिस ने एक महिला और उसके साथी पलविंदर उर्फ पिंदा को देहरादून से गिरफ्तार किया। पता चला कि पिंदा ने दून में रहकर यह साजिश रची थी। हमले से 5 दिन पहले हथियार लेकर वही पंजाब के नाभा तक गया था।
बीते साल 16 मार्च 2022 में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य हरवीर सिंह को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ये पंजाब में एक कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर भागा था।उत्तराखंड में बीते लंबे वक्त से पुलिस एनकाउंटर में किसी अपराधी की जान न जाने से उत्तराखंड में पनाह लेना ये सुरक्षित समझते हैं।