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Statue of Unity : दुनिया का एक और अजूबा होगी 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा, खूबियां जानकर होगा गर्व

हमें फॉलो करें Statue of Unity : दुनिया का एक और अजूबा होगी 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा, खूबियां जानकर होगा गर्व
31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे तो भारत एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लेगा। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन जाएगी। बनावट की खूबियों के कारण यह स्टैच्यू इंजीनियरिंग की एक मिसाल बन गई है। जानिए क्या है 'लौह पुरुष' की प्रतिमा की विशेषताएं :

 
- इस प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर है। इसके बाद 128 मीटर ऊंची चीन की स्प्रिंग बुद्ध का नंबर आता है।

- प्रतिमा का डिजाइन पद्‍मभूषण राम सुतार तैयार किया है।
 
- इसके निर्माण में 25,000 टन लोहे और 90,000 टन सीमेंट का प्रयोग किया गया है। 

- लौह पुरुष की यह प्रतिमा अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से दुगुनी है, जबकि रियो डी जेनेरियो के क्राइस्ट द रिडीमर टावर से चार गुना ऊंची है।

 
- पटेल की प्रतिमा के 6 फीट के इंसान के कद से बड़े होंठ, आंखें और जैकेट के बटन, सात मंजिल इमारत जितना ऊंचा तो सिर्फ चेहरा है।
 
- प्रतिमा में लगी लिफ्ट से पर्यटक सरदार पटेल के हृदय तक जा सकेंगे।
 
- मूर्ति को 7 किमी दूर से देखा जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि गुजरात की असेंबली सीट 182 के बराबर ही इसकी ऊंचाई रखी है।
 
- इसे बनाने में कुल खर्च 2989 करोड़ रुपए हुआ है।

 
- यह प्रतिमा अहमदाबाद से 200 किमी दूर जनजाति जिले नर्मदा के सरदार सरोवर डैम के निकट बनाई गई है।
 
- इस प्रोजेक्ट की घोषणा 2010 में की गई थी जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। अक्टूबर 2013 में तब मुख्यमंत्री रहे मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी और इंजीनियरिंग कंपनी एलएंडटी को इसका कांट्रैक्ट दिया गया था। उसके बाद से ही इसका निर्माण शुरू कर दिया गया।
 
- सबसे कम वक्त में बनने वाली यह दुनिया की पहली प्रतिमा है।
 
- यह प्रतिमा इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर का एक स्पेशल मास्टरपीस बनेगी।
 
- इसका कंस्ट्रक्शन चार चरणों में पूरा हुआ है। मॉक-अप, 3डी स्कैनिंग तकनीक, कंप्यूटर न्यूमैरिकल कंट्रोल प्रोडक्शन तकनीक।
 
- एक अन्य रोचक तथ्य यह है कि हजारों वर्करों में 200 कर्मचारी चीन के थे। इन्होंने सितंबर 2017 से ही दो-तीन महीने अलग-अलग बैचों में काम किया। प्रतिमा को ब्रांज रंग का रखा गया है।
 
- इसे एक टूरिस्ट स्पॉट के रूप में घोषित किया जा चुका है। यहां इस मूर्ति के अलावा एक ट्राइबल म्यूजियम, एक गार्डन और बोटिंग फैसिलिटीज की सुविधा भी है।
 
- यहां पहुंचने के लिए पैदल रास्ता, फोर लेन हाईवे की सुविधा है। पास में ही 52 कमरों का श्रेष्ठ भारत भवन 3 स्टार होटल है।
 
- यहां से लोग सरदार सरोवर बांध के अलावा नर्मदा के 17 किमी लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी का नजारा देख सकेंगे।

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