इस साल देशभर में आंधी-तूफान और बारिश ने जमकर कहर बरपाया। प्राकृतिक आपदा के इस कहर ने उत्तर भारत के कई राज्यों में कोहराम मचा रखा है। तूफान के इस कहर के निशाने पर रहे उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली। देशभर में आंधी-तूफान से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है। अब तक देशभर में करीब 69 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कई लोग घायल हुए हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में मौत का आंकड़ा 51 तक पहुंच गया है। मौसम विभाग ने अगले दो से तीन दिन के लिए अलर्ट जारी किया है। जानिए, देशभर में हुए जानमाल के नुकसान का विवरण...
देशभर में आए आंधी-तूफान से सबसे अधिक जानमाल का नुकसान देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में हुआ, जहां आंधी के कारण 51 लोगों की मौत हो गई और 83 लोग घायल हुए हैं। पश्चिम बंगाल में आंधी के कारण चार बच्चों समेत कम से कम 12 लोग मारे गए। आंध्र प्रदेश में नौ और दिल्ली में दो लोगों के मरने की खबर है। दिल्ली समेत उत्तर भारत में कई जगहों पर आई प्रचंड आंधी के चलते बड़ी संख्या में पेड़ गिर गए, जिससे सड़क, रेल एवं वायु सेवाएं प्रभावित हुईं।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिन तक देश के कई हिस्सों में इसी तरह के तूफान का सामना करना पड़ सकता है। आंधी से प्रदेश के 25 जिले प्रभावित हुए हैं, जिससे 121 मकान क्षतिग्रस्त हुए। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, असम, मेघालय, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में छिटपुट स्थानों पर रविवार को गरज के साथ छींटे पड़े। तेज हवाएं चलने से प्रदेशभर में कई स्थानों पर पेड़ गिरने की खबर हैं।
कल रात आए अंधड़ और बारिश के कारण सबसे ज्यादा छह लोगों की मौत कासगंज जिले में हुई है, जबकि बरेली और बाराबंकी में पांच-पांच लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि इस आंधी से 177 मकानों को नुकसान पहुंचा है। रविवार शाम को अचानक पलटे मौसम ने दिल्ली, यूपी, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कई लोगों की जान ले ली।
दिल्ली एवं आसपास के इलाकों में 109 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली धूलभरी आंधी और तेज हवाओं के चलते दो लोगों की मौत हो गई और 19 लोग घायल हो गए। इसके चलते विमान, रेल और मेट्रो के परिचालन पर असर पड़ा।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा से विमानों का परिचालन करीब ढाई घंटे तक प्रभावित रहा। तकरीबन 70 उड़ानों का अन्य स्थानों के लिए मार्ग परिवर्तित किया गया। काठमांडू, रियाद, कोलंबो, जेद्दा, काबुल के लिए उड़ानों में देरी हुई, जबकि टोक्यो, नेवार्क और कोलंबो से आने वाले विमानों का मार्ग परिवर्तित किया गया।
इससे पहले इसी हफ्ते नौ जिलों में तूफान और बारिश के चलते 16 लोगों और 22 जानवरों की मौत हुई, जबकि 25 लोग घायल हुए थे और कई घर क्षतिग्रस्त हो हुए। वहीं 2 मई को आए भयंकर तूफान के कहर से 73 लोगों की मौत हुई, जबकि 91 व्यक्ति घायल हुए। इस आंधी-तूफान में करीब 150 पशु भी मारे गए।
उत्तर प्रदेश में संभल के राजपुरा में बिजली गिरने के चलते आग ने घरों को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते 100 घर जलकर राख हो गए। रविवार को यूपी के फिरोजाबाद में आंधी-तूफान के साथ-साथ तेज बारिश और ओले भी गिरे। खराब मौसम को देखते हुए अलीगढ़ में 12वीं तक के सभी स्कूलों को सोमवार को बंद रखने का आदेश दिया गया।
गृह मंत्रालय ने रविवार को अलर्ट जारी करते हुए कहा कि देश के कम से कम 13 राज्यों और दो केन्द्रशासित प्रदेशों में सोमवार को आंधी-तूफान, भारी बारिश और ओलावृष्टि होने की आशंका है। हरियाणा में अलर्ट के चलते स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
मंत्रालय ने बताया है कि जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ स्थानों पर सोमवार को आंधी-तूफान और ओलावृष्टि के साथ बारिश हो सकती है, जबकि उत्तराखंड और पंजाब के कुछ स्थानों पर गरज-बरज के साथ बारिश आ सकती है और तेज हवाएं चल सकती हैं।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर भी गरज-बरज के साथ बारिश हो सकती है और तेज हवाएं चल सकती हैं।
अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के कुछ स्थानों पर धूलभरी आंधी चल सकती है और गरज के साथ बारिश हो सकती हैं। पिछले सप्ताह धूलभरी आंधी, तेज बारिश और बिजली गिरने के कारण पांच राज्यों में 124 लोगों की मौत हुई और 300 से अधिक लोग घायल हुए।
अमेरिकी शोधकर्ताओं के मुताबिक, इन दिनों जो तूफान आ रहे हैं, वह पहले के मुकाबले बहुत खतरनाक हैं। शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि पिछले 30 सालों में तूफानों की तीव्रता औसतन 1.3 मीटर प्रति सेकंड या 4.8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ी है। ओशियन मॉनिटॅरिग की एक रिपोर्ट और नासा के मौसमी आंकडों के अनुसार पिछले 30 सालों में तूफानों की तीव्रता में 3.5 गुना बढ़ोतरी हुई है।
इसके अलावा अब समुद्री तटों से दूर क्षेत्रों में भी आंधी-बवडंर की आशंका बढ़ गई है। उच्च तापमान वाले मैदानी इलाकों में नमी वाली हवा के पहुंचने पर कम दबाव (लो प्रेशर) का निर्माण हो जाता है और एकदम से बिजली गिरना, ओलावृष्टि (हेल स्टॉर्म) या तेज हवाओं के साथ भारी बरसात जैसी खतरनाक परिस्थितियां बन जाती हैं।
सालों में अमेरिका, यूरोप, रूस समेत कई देशों ने तूफानों की मार झेली। कहीं बर्फबारी का प्रचंड रूप तो कहीं अतिवृष्टि से भयानक बाढ़ के रूप में। अब गर्म देशों जैसे भारत, पाकिस्तान, ईरान, यूएई के मैदानी इलाकों से भी रेतीले तूफानों ने कहर बरपा रखा है। स्थानीय लोग इन्हें बवंडर, अंधड़ या आंधी कहते हैं। पिछले वर्ष 2017 में कुल 10 तूफान आए थे, जिनमें से 6 बहुत बड़े थे।