चंडीगढ़। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद होने वाले 4 सैनिक पंजाब के थे। नायब सूबेदार सतनाम सिंह (गुरदासपुर), नायब सूबेदार मंदीप सिंह (पटियाला), सिपाही गुरबिंदर सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह (मनसा) चीनी सैनिकों के साथ लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
गुरबिंदर सिंह : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए सिपाही गुरबिंदर सिंह के रिश्तेदार जगसीर सिंह ने बताया कि गुरबिंदर की पिछले साल सगाई हुई थी और इस साल उनकी शादी की योजना थी।
जगसीर सिंह ने कहा कि गुरबिंदर की पिछले साल सगाई हुई थी और जब वह छुट्टी पर आने वाले थे तो इस साल उसकी शादी की योजना थी। अब संगरूर की सुनाम तहसील के तोतावल गांव में उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को लाया जायेगा।
गुरबिंदर सिंह के बड़े भाई गुरप्रीत सिंह ने कहा, 'हमें आज सुबह साढ़े छह बजे एक कॉल मिली कि गुरबिंदर सिंह शहीद हो गए हैं।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि गुरबिंदर सिंह 2018 में सेना में शामिल हुए थे और वह 3 पंजाब रेजीमेंट के साथ थे। उनके परिवार में माता-पिता, एक भाई और एक बहन हैं। उसने लगभग 15 दिन पहले फोन पर उनसे बात की थी।
नायब सूबेदार सतनाम सिंह : गुरदासपुर के भोजराज गांव के रहने वाले नायब सूबेदार सतनाम सिंह (41) का परिवार शोकाकुल है। उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी, एक बेटी और बेटा हैं। वह 1995 में सेना में शामिल हुए थे।
सतनाम के पिता जागीर सिंह ने कहा, 'वह एक महान शहीद हैं और मुझे उन पर गर्व है। उन्होंने आखिरी बार सोमवार को हमसे बात की थी लेकिन किसी को नहीं पता था कि यह उनकी आखिरी कॉल थी।'
नायब सूबेदार मंदीप सिंह : पटियाला की राजपूरा तहसील के रहने वाले 39 वर्षीय नायब सूबेदार मंदीप सिंह का परिवार शोक में है।
मंदीप के परिवार में उनकी 65 वर्षीय मां शकुंतला, पत्नी गुरदीप कौर और तीन बहनें हैं। गुरदीप कौर ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पहले उनसे बात की थी। मंदीप सिंह दिसम्बर 1997 में सेना में शामिल हुए थे।
गुरतेज सिंह : पंजाब से चौथा सैनिक सिपाही गुरतेज सिंह (22) हैं जो मनसा जिले के बीरे वाला डोगरा गांव के रहने थे। उनके परिवार में माता-पिता और 3 भाई हैं। अभी तीन दिन पहले ही भाई की शादी हुई है, लेकिन सीमा पर तनाव की वजह से गुरतेज सिंह इस शादी में शामिल नहीं हो पाए थे।