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स्वामी की मोदी को चिट्ठी, राजन को बर्खास्त करें

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नई दिल्ली , मंगलवार, 17 मई 2016 (15:55 IST)
नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के खिलाफ एक और धमाकेदार आरोप लगाते हुए भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है।
 
स्वामी ने आरोप लगाया है कि राजन मानसिक तौर पर पूरी तरह भारतीय नहीं है और उन्होंने जानबूझकर अर्थव्यवस्था को ध्वस्त किया है।
 
पिछले सप्ताह संसद सत्र समाप्त होने के बाद राजन के खिलाफ आरोप लगाने के बाद अब स्वामी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने राजन की सेवा तुरंत प्रभाव से खत्म करने की मांग की है।
 
उन्होंने कहा कि मैं ऐसा सुझाव इसलिए दे रहा हूं कि मैं डॉक्टर राजन के जानबूझ कर भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने की कोशिश से स्तब्ध हूं।
 
स्वामी ने कहा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दर बढ़ाने की अवधारणा विनाशकारी थी। उन्होंने कहा कि साथ ही पिछले दो साल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए दोगुना होकर 3.5 लाख करोड़ रुपए हो गया।
 
पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने सितंबर 2013 में राजन को तीन साल के लिए रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया था, उनका कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है।
 
उन्होंने पत्र में लिखा कि राजन की विभिन्न पहलों को देखते हुए मुझे लगता है कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने वाले व्यक्ति के बजाय इसे बिगाड़ने वाले व्यक्ति ज्यादा नजर आते हैं।
 
उन्होंने कहा कि इसके अलावा वह इस देश में अमेरिकी सरकार के ग्रीन कार्ड पर हैं इसलिए वह दिमागी तौर पर पूरी तरह भारतीय नहीं हैं। अन्यथा वह हर साल अनिवार्य रूप से अमेरिका की यात्रा कर रिजर्व बैंक गवर्नर के तौर पर अपने ग्रीन कार्ड का नवीनीकरण क्यों कराते ताकि उनका ग्रीन कार्ड बरकरार रहे।
 
स्वामी ने पिछले सप्ताह कहा था कि राजन देश के लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि उन्होंने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की आड़ में ब्याज दरें बढ़ाने का काम किया जिसके कारण उद्योग धराशायी हो गए और अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी बढ़ी।
 
उन्होंने संसद में संवाददाताओं से कहा था कि जितनी जल्दी राजन को शिकागो वापस भेजा जाता है उतना ही अच्छा होगा। राजन शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त विभाग के प्रोफेसर हैं, जो छुट्टी पर चल रहे हैं।
 
राजन के कार्यकाल को यदि विस्तार नहीं मिलता तो सितंबर की शुरुआत में उनका तीन साल का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। वर्ष 1992 के बाद वह रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर होंगे जिनका कार्यकाल पांच साल का नहीं होगा।
 
स्वामी ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि भाजपा उनके प्रेरक नेतृत्व में सत्ता में आई। उन्होंने कहा कि मैं समझ में नहीं पा रहा हूं कि संप्रग सरकार द्वारा नियुक्त व्यक्ति जो कि स्पष्ट तौर पर भारतीय आर्थिक हितों के खिलाफ काम कर रहा हो, उसे इस पद पर क्यों बनाए रखना चाहिए जबकि हमारे पास इस देश में रिजर्व बेंक गवर्नर के लिए बहुत से राष्ट्रवादी मानसिकता वाले विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। उन्होंने मोदी से अपील की कि राष्ट्रीय हित में डाक्टर रघुराम राजन को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।
 
स्वामी को भाजपा सरकार ने इस महीने की शुरुआत में राज्य सभा में नामित किया है। उन्होंने कहा कि राजन की मुद्रास्फीति को नियंत्रिण करने के लिए ब्याज दर बढ़ाने की नीति विनाशकारी है।
 
उन्होंने कहा कि थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में गिरावट छोटे एवं मंझोले उद्योगों में छोई जबरदस्त मंदी की वजह से हुई। इसके बाद राजन ने अपने लक्ष्य को थोकमूल्य सूचकांक से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर केंद्रित कर दिया जिसमें खुदरा मूल्यों में कमी नहीं आने की वजह से गिरावट नहीं आई। इसके उलट इसमें वृद्धि हुई।
 
उन्होंने कहा कि यदि डॉक्टर रघुराम राजन थोकमूल्य मुद्रास्फीति पर कायम रहते तो आज ब्याज दर काफी कम होती और इससे लघु एवं मध्यम उद्योगों को बड़ी राहत मिलती। बजाय इसके इन पर और दबाव पड़ा और नतीजतन बेरोजगारी बढ़ी। (भाषा)

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