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औरतों के खतना मामले में केंद्र और राज्यों को नोटिस

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, सोमवार, 8 मई 2017 (18:22 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बोहरा संप्रदाय की औरतों में खतना की अमानवीय प्रथा के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार एवं चार राज्यों से जवाब-तलब किया। याचिका की सुनवाई के दौरान न्‍यायालय ने केंद्र सरकार के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं दिल्ली की सरकारों को नोटिस जारी करके जवाब देने का आदेश दिया।
         
मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्‍यीय पीठ ने पेशे से वकील सुनीता तिवारी की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं दिल्ली की सरकारों को नोटिस जारी करके जवाब देने का आदेश दिया।
        
सुश्री तिवारी ने दलील दी है कि भारत महिलाओं के प्रति सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने संबंधी संयुक्त राष्ट्र संधि (यूएनसीईडीएडब्ल्यू) 2012 पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में शुमार है, इसके बावजूद मुस्लिम समुदाय के बोहरा सम्प्रदाय में महिलाओं के खतने की 'अमानवीय' प्रथा दशकों से जारी है। 
        
संयुक्त राष्ट्र की इस संधि के तहत इस खतने को लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव की श्रेणी में रखा गया है। याचिकाकर्ता ने संधि पर भारत के हस्ताक्षर के मद्देनजर इस प्रथा को पूरी तरह प्रतिबंधित करने के निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया है। याचिकाकर्ता ने यह भी दलील दी है कि औरतों का खतना किया जाना उनके संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। (वार्ता)

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