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नोटबंदी पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया यह जवाब

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नई दिल्ली , गुरुवार, 24 नवंबर 2016 (22:07 IST)
नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर चल रही केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर करके कहा कि इसके माध्यम से सरकार पिछले 70 सालों से देश में छिपे कालेधन को बाहर निकालने की कोशिश कर रही है।
केंद्र सरकार ने कहा कि नोटबंदी केंद्र सरकार का ऐसा कदम है, जो पहले कभी नहीं उठाया गया। आजादी के बाद किसी सरकार ने पहली बार इस तरह का साहसिक कदम उठाया है। हलफनामे में कहा गया है कि मौजूदा सरकार शुरू से ही कालेधन और भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रही है और इसी का परिणाम है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद ही इसने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। उसके बाद कालेधन को लेकर कानून बनाया गया, विदेशों से संधि की गई और आय संबंधी घोषणा की योजना लाई गई और आखिर में नोटबंदी की गई है।
 
हलफनामे के अनुसार इस आपरेशन को गुप्त रखना जरूरी था, क्योंकि अगर इसकी तैयारी की सूचना पहले दी जाती तो पूरा उद्देश्य बेकार हो जाता। केंद्र सरकार ने कहा है कि नोटबंदी के फैसले से आतंकवाद को फंडिंग नहीं हो पाएगी और घरेलू हिंसा पर रोक लगेगी। इतना ही नहीं नकदी रहित अर्थव्यवस्था से डिजिटल और पारदर्शी अर्थव्यवस्था तैयार होगी।
 
सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि नोटबंदी के माध्यम से नकदी अर्थव्यवस्था को कम करने की कवायद की जा रही है। केंद्र ने लोगों को परेशानी से बचाने के लिए किये जा रहे उपायों का भी लेखा-जोखा न्यायालय के समक्ष पेश किया। केंद्र ने कहा है कि सरकार  ने ई-वैलेट के लिए तकनीकी टीम बनाई गई है और हर घंटे सरकार हालात पर नजर रखे हुए है, जरूरी सामान को लेकर निगरानी की जा रही है। (वार्ता)

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