नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों में लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड़ की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली। तीस्ता पिछले 2 माह से जेल में बंद हैं।
CJI यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु भट की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता एक महिला है जो 2 महीने से हिरासत में है। जो मामला है वो 2002-2010 के बीच के दस्तावेज का है। जांच मशीनरी को 7 दिनों तक उससे हिरासत में पूछताछ का मौका मिला होगा।
न्यायालय ने सीतलवाड़ को गुजरात उच्च न्यायालय में नियमित जमानत याचिका पर निर्णय होने तक अपना पासपोर्ट निचली अदालत के पास जमा कराने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद परिस्थितियों को देखते हुए हमारा विचार है कि हाईकोर्ट को मामले के लंबित रहते समय अंतरिम जमानत पर विचार करना चाहिए था।
गौरतलब है कि गुजरात दंगा मामले में जांच कर रही SIT ने अदालत में दिए हलफनामें में कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए 2 बार में पैसे दिए गए थे। यह पैसे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार ने दिए थे।
SIT के अनुसार, कांग्रेस ने तीस्ता को यह फंड सरकार को अस्थिर करने के लिए दिया गया था। हालांकि कांग्रेस ने अहमद पटेल पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया।