नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) में अलग-अलग भाषाओं के लिए भिन्न-भिन्न परीक्षा पत्र तैयार करने के लिए गुरुवार को केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को आड़े हाथों लेते हुए अगले सत्र से एक समान प्रश्नपत्र तैयार करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने सीबीएसई को एक हलफनामा देने की सलाह दी जिसमें यह बताया गया हो कि अगले साल से वह कौन-सी व्यवस्था अपनाएगा। पिछले महीने छात्रों के एक समूह ने याचिका दाखिल की थी और आरोप लगाया था कि आठ अन्य स्थानीय भाषाओं में नीट के सवाल अंग्रेजी और हिंदी के मुकाबले बहुत मुश्किल थे।
पूर्व की सुनवाई में सीबीएसई ने उन आरोपों को खारिज कर दिया था कि प्रश्न पत्र अलग-अलग थे। शीर्ष अदालत ने पूर्व की सुनवाई में उन उम्मरदवारों का डाटा मांगा था, जिन लोगों ने स्थानीय भाषा में नीट परीक्षा उत्तीर्ण की थी। (वार्ता)